Advertisment

Road Rage-सड़क का गुंडाराज: गाजियाबाद में रोडरेज ने तोड़ी इंसानियत की सारी हदें

एसीपी मोदीनगर ज्ञानप्रकाश राय ने बताया कि कार के नंबर के आधार पर पांच आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। आरोपी की तलाश की जा रही है।

author-image
Kapil Mehra
फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार

कार ओवरटेक करने को लेकर कर चालक को पीटा

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता 

मोदीनगर, रात का सन्नाटा, गोविंदपुरी से कादराबाद की ओर जा रही एक कार, और उसमें सवार अमरीश आर्य, जिनका कसूर सिर्फ इतना था कि वह अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहे थे। लेकिन गाजियाबाद की सड़कों पर 'साइड न देना' अब जानलेवा अपराध बन चुका है।

एक अज्ञात कार सवार ने न सिर्फ अमरीश के साथ गाली-गलौज की, बल्कि लात-घूंसे और डंडों से उनकी ऐसी पिटाई की, मानो सड़क पर इंसानियत का कोई वजूद ही न हो। यह रोडरेज की घटना नहीं, बल्कि हमारे समाज में बढ़ती असहिष्णुता और गुंडागर्दी का खौफनाक चेहरा है।रात, सड़क और डर का मंजर

अमरीश आर्य, गांव कादराबाद के रहने वाले और पेशे से कार चालक, उस रात अपने घर लौट रहे थे। गोविंदपुरी के रास्ते में उनकी कार चल रही थी, तभी पीछे से आई एक दूसरी कार ने उन्हें साइड देने को कहा।

अमरीश ने बताया, "मैंने सामान्य रफ्तार में गाड़ी चला रखी थी, लेकिन पीछे वाले को शायद जल्दी थी। उसने अचानक गाली-गलौज शुरू कर दी।" जब अमरीश ने इसका विरोध किया, तो वह कार उनके सामने आकर रुकी। उसमें सवार लोगों ने अमरीश को बाहर खींच लिया और लात-घूंसे बरसाने शुरू कर दिए। डंडों से की गई पिटाई ने अमरीश को लहूलुहान कर दिया।

Advertisment

भीड़ बनी मूकदर्शक, फिर आई हिम्मत

शोर-शराबे और अमरीश की चीखें सुनकर आसपास के लोग जुटने लगे। भीड़ को देखते ही हमलावर धमकी देते हुए अपनी कार में सवार होकर फरार हो गए। लेकिन इस बार अमरीश ने हिम्मत नहीं हारी। खून से लथपथ होने के बावजूद उन्होंने पुलिस को सूचना दी और हमलावरों की कार का नंबर नोट कर लिया। यह छोटी-सी जानकारी अब पुलिस के लिए बड़ा सुराग बन चुकी है।पुलिस का एक्शन और सवाल

ACP का बयान

एसीपी मोदीनगर ज्ञानप्रकाश राय ने बताया कि अमरीश की शिकायत पर कार के नंबर के आधार पर पांच आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। "हम आरोपियों की तलाश कर रहे हैं। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा," उन्होंने कहा। लेकिन यह वादा कितना सच्चा है, यह गाजियाबाद की सड़कों पर रोज होने वाली ऐसी घटनाएं बताती हैं। रोडरेज के मामले पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़े हैं, फिर भी सड़कों पर न तो पर्याप्त पुलिस गश्त है, न ही ऐसी घटनाओं को रोकने की कोई ठोस रणनीति।

रोडरेज: एक सामाजिक बीमारी

गाजियाबाद में रोडरेज अब एक खतरनाक ट्रेंड बन चुका है। 2024 के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में रोडरेज से जुड़े 1,500 से ज्यादा मामले दर्ज हुए, जिनमें कई जानलेवा हमले शामिल हैं। साइड न देना, ओवरटेक करना, या मामूली टक्कर भी अब गाली-गलौज और मारपीट का कारण बन रहे हैं। आखिर क्यों हमारी सहनशीलता खत्म हो रही है? क्यों सड़क पर हर दूसरा शख्स खुद को 'सुल्तान' समझने लगा है?

Advertisment

क्या सिर्फ पुलिस जिम्मेदार?

पुलिस की लापरवाही और संसाधनों की कमी एक हकीकत है, लेकिन यह पूरा सच नहीं। हमारा समाज, जहां धैर्य और संयम की जगह गुस्सा और हिंसा ने ले ली है, भी उतना ही जिम्मेदार है। अमरीश जैसे लोग, जो सिर्फ अपने काम से घर लौट रहे थे, क्यों ऐसे गुंडों का शिकार बन रहे हैं? क्या हमारी सड़कों पर अब सिर्फ ताकतवर की चलेगी?

ghaziabad | ghaziabad dm | ghaziabad news | ghaziabad latest news | ghaziabad police | Ghaziabad administration | Crime | Crime in India | crime news | Crime News India | crime report | crime story India | Latest Crime News 

crime news ghaziabad ghaziabad police ghaziabad latest news ghaziabad dm Crime ghaziabad news Crime in India Crime News India crime story India Ghaziabad administration Latest Crime News crime report
Advertisment
Advertisment