चंडीगढ़ , वाईबीएन नेटवर्क।
अपने बयानों और कामों से चर्चित सत्तारूढ़ भाजपा ने सात बार के विधायक और कैबिनेट मंत्री अनिल विज को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह नोटिस मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली पर उनकी ताजा टिप्पणियों के बाद जारी किया गया है। इस पर विज ने कहा कि पार्टी की तरफ से भेजे गए शोकॉज नोटिस के बारे में उन्हें मीडिया से ही पता चला था, लेकिन जवाब मीडिया माध्यम से नहीं दूंगा, सीधा पार्टीहाई कमान को दूंगा। विज अपनी बेबाकी और कामकाज के तरीके को लेकर जाने जाते हैं।
अपनी बेबाकी के लिए चर्चित है अनिल विज
पार्टी के सीनियर नेता व अंबाला कैंट से सात बार के विधायक अनिल विज अपनी बेबाकी के चर्चित हैं। उनकी पहले भी सरकार और आईएएस व आईपीएस अधिकारियों के साथ तकरार होती रही है। लेकिन उन्होंने कभी सार्वजनिक तौर पर इतने सख्त बयान कभी नहीं दिए। उस दौरान भी पार्टी ने ऐसे मामलों में कभी संज्ञान नहीं लिया। यह पहली बार है जब उन्होंने खुलकर मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ बयान दिया है। इस बार पार्टी ने विज के बयानों को गंभीरता से लिया है। भाजपा सरकार में यह पहली बार है, जब किसी मंत्री को संगठन की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
तीन दिन में मांगा था जवाब
प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने विज को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा था। वहीं, अब अनिल विज की नोटिस पर पहली प्रतिक्रिया भी सामने आई है। मंगलवार शाम को अनिल विज चंडीगढ़ पहुंचे थे। इस दौरान मीडिया ने उनसे शोकॉज नोटिस पर सवाल पूछे। इस पर विज ने कहा कि मैं तीन दिन बाद बेंगलुरु से आया हूं। सबसे पहले में घर जाऊंगा, ठंडे पानी से नहाऊंगा, रोटी खाऊंगा फिर बैठकर जवाब लिखूंगा और पार्टी हाईकमान को भेजूंगा। मुझे ये पता नहीं है कि किसकी सहमति से पार्टी ने मुझे नोटिस भेजा है।
क्या कहा था अनिल विज ने
राज्य सरकार में मंत्री अनिल विज ने मुख्यमंत्री के उड़नखटोले पर सवार होने तथा नीचे उतरकर जनता की सुनवाई करने का बयान देने के साथ ही कसौली दुष्कर्म कांड के बाद प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली से इस्तीफा मांगा था। पार्टी यदि विज के जवाब से संतुष्ट नहीं होती तो उनके मंत्री पद पर खतरा हो सकता है। विज ने यह बयान उस समय दिया था जब दिल्ली में विधानसभा चुनाव चल रहे थे। मुख्यमंत्री दिल्ली चुनाव के लिए प्रचार में जुटे हुए थे। माना जा रहाहै कि दिल्ली की जीत के बाद पार्टी ने अनिल विज को नोटिस देकर सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं में अनुशासन का कड़ा संदेश दिया है। विज की गिनती उन सीनियर नेताओं में होती है, जो किसी के दबाव अथवा प्रभाव में आकर काम नहीं करते हैं। उधर पार्टी सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल में सैनी से सीनियर कई मंत्री हैं। ऐसे में आगे कोई इस तरह की घटना न हो, इसलिए पार्टी की ओर से कार्यवाही की गई है।