नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। पश्चिम एशिया में लगातार बिगड़ते हालात के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की आपात बैठक बुलाई गई। बैठक में यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने ईरान पर अमेरिका के सैन्य हमलों को "गंभीर खतरे" की चेतावनी दी और कहा कि यह क्षेत्र में और अधिक अस्थिरता का संकेत है। उन्होंने कूटनीतिक प्रयासों को प्राथमिकता देने, नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और समुद्री परिवहन को सुरक्षित रखने की अपील की।
गुटेरेस बोले- तत्काल निर्णायक कदम उठाने होंगे
गुटेरेस ने कहा, "हमें तुरंत और निर्णायक कदम उठाने होंगे ताकि ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर फिर से गंभीर बातचीत शुरू की जा सके। परमाणु अप्रसार संधि अंतरराष्ट्रीय शांति की बुनियाद है और इसका पालन होना चाहिए।"
चीन-रूस-पाकिस्तान ने किया यूएन में अमेरिका का विरोध
बैठक में रूस, चीन और पाकिस्तान द्वारा एक प्रस्तावित मसौदे पर चर्चा हुई, जिसमें ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु स्थलों पर हमले की कड़ी निंदा की गई है। हालांकि, इसमें अमेरिका का नाम स्पष्ट रूप से नहीं लिया गया। प्रस्ताव में युद्धविराम की मांग की गई, लेकिन अगर इसे मतदान के लिए लाया गया तो अमेरिका वीटो कर सकता है।
चीन के यूएन राजदूत फू कांग ने कहा कि "स्थिति नियंत्रण से बाहर हो रही है। हम
ईरान पर अमेरिकी हमलों की निंदा करते हैं और युद्धविराम की मांग करते हैं।"
रूस बोला- नियमों की अवहेलना हुई
रूस के राजदूत ने इसे "पेंडोरा बॉक्स खोलने जैसा" बताया और कहा कि अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के नियमों की अवहेलना की है। पाकिस्तान के यूएन राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने अमेरिका के हमले की निंदा करते हुए कहा, "हम इस कठिन घड़ी में ईरान के साथ खड़े हैं।"
‘ईरान ने हमला किया तो होगा विनाशकारी प्रतिशोध’
यूएन में अमेरिका की प्रतिनिधि डोरोथी शीया ने कहा कि "हमारे हमले का उद्देश्य
ईरान की परमाणु क्षमता को नष्ट करना था। अगर ईरान ने अमेरिकी नागरिकों या ठिकानों पर प्रत्यक्ष या परोक्ष हमला किया तो हम विनाशकारी प्रतिक्रिया देंगे।"
शीया ने आरोप लगाया कि ईरान ने लंबे समय से परमाणु हथियार कार्यक्रम छुपाया और बातचीत की कोशिशों को कमजोर किया।
यूके और ईरान की प्रतिक्रिया: संयम और सवाल
ब्रिटेन की राजदूत बारबरा वुडवर्ड ने कहा, "यूके ने किसी सैन्य कार्रवाई में हिस्सा नहीं लिया। सिर्फ सैन्य उपाय
ईरान के परमाणु कार्यक्रम का समाधान नहीं है।"
वहीं, ईरान के राजदूत अली बहरीनी ने अमेरिका और इजरायल पर "राजनीति से प्रेरित हमले" का आरोप लगाते हुए कहा कि ईरान कभी भी वार्ता से पीछे नहीं हटा। उन्होंने एनपीटी को "राजनीतिक हथियार" बनाए जाने की आलोचना की।
यूएन मंच पर गहराया टकराव, समाधान की राह जटिल
UNSC की आपात बैठक ने एक बार फिर यह दिखाया कि ईरान-अमेरिका-इजरायल तनाव वैश्विक स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है। जहां अमेरिका सुरक्षा के नाम पर आक्रामक रुख अपना रहा है, वहीं रूस, चीन और पाकिस्तान जैसे देश इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बता रहे हैं। फिलहाल सभी की नजरें प्रस्तावित यूएन प्रस्ताव पर हैं, जो अगले सप्ताह सुरक्षा परिषद के सामने पेश हो सकता है।
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