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वॉशिंगटन, वाईबीएन डेस्क : अमेरिका की एक प्रमुख वैक्सीन सलाहकार समिति ने सभी वयस्कों को कोविड-19 वैक्सीन लगवाने की अनिवार्यता के खिलाफ मतदान किया है। यह वैक्सीन महामारी के बाद से अब तक ज़्यादातर लोगों के लिए सालाना तौर पर आधिकारिक रूप से मंज़ूर थी।
समिति ने साथ ही यह भी तय किया कि कोविड-19 वैक्सीन लेने का फैसला अब व्यक्ति और उनके स्वास्थ्य विशेषज्ञ की आपसी सलाह पर आधारित होगा। बैठक में यह भी तय हुआ कि 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए भी सार्वभौमिक सिफारिश की अब जरूरत नहीं समझी गई। समिति ने कोविड वैक्सीन के लिए प्रिस्क्रिप्शन अनिवार्यता को लागू करने की भी वकालत नहीं की।
फ्लू के टीके की तरह लगाई जा रही थी वैक्सीन
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक दो दिनों तक चली इस बैठकों में खसरा, कण्ठमाला, रूबेला, वैरीसेला (MMRV) के संयुक्त टीके पर अपनी सिफारिशें बदल दीं और हेपेटाइटिस बी के टीके पर मतदान की योजना को स्थगित कर दिया। स्वास्थ्य सचिव रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर (जो वैक्सीन को लेकर संशयवादी थे) ने जून में समिति के सभी 17 सदस्यों को बर्खास्त कर दिया और उनके उत्तराधिकारी चुने जिससे चिकित्सा समुदाय में हंगामा मच गया। पैनल ने शुक्रवार को कोविड-19 वैक्सीन पर बहस की जो पिछले कई वर्षों से सालाना फ्लू के टीके की तरह लगाई जा रही थी।
अलग-अलग टीकों को मंजूरी दी
गुरुवार को पैनल ने चार साल और उससे कम उम्र के बच्चों के लिए संयुक्त एमएमआरवी टीके की सिफारिश के खिलाफ मतदान किया, लेकिन शुक्रवार को उन्होंने दो अलग-अलग टीकों को मंजूरी देने का फैसला किया - एक खसरा, कण्ठमाला और रूबेला के लिए संयुक्त और दूसरा वैरिसेला के लिए।अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन जो डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों का प्रतिनिधित्व करता है ने कहा कि नई एमएमआरवी सिफारिशें "माता-पिता को भ्रमित करती हैं"। पैनल ने इस बात पर मतदान भी स्थगित कर दिया कि क्या उन नवजात शिशुओं को जिनकी माताओं का गर्भावस्था के दौरान हेपेटाइटिस बी परीक्षण नकारात्मक आया है, स्वतः ही लिवर वायरस का टीका लगवाना चाहिए। एसिप ने महीनों से हेपेटाइटिस बी के टीके पर संदेह जताया है, जबकि वैज्ञानिकों का कहना है कि यह संक्रमण को रोकने में सुरक्षित और प्रभावी है। जून में पैनल के नए अध्यक्ष डॉ. मार्टिन कुल्डॉर्फ ने सवाल उठाया था कि क्या नवजात शिशुओं को हेपेटाइटिस बी का टीका देना "बुद्धिमानी" है।सीडीसी 1991 से बच्चों को जन्म के समय हेपेटाइटिस बी का टीका लगवाने की सलाह देता रहा है।
कैनेडी ने अपने कार्यकाल के दौरान सीडीसी में बदलाव किए
जनवरी में पदभार ग्रहण करने के बाद से ही रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर का टीकाकरण संबंधी रुख जांच के घेरे में रहा है। कैनेडी ने अपने कार्यकाल के दौरान सीडीसी में व्यापक बदलाव किए हैं। उन्होंने जून में टीका सलाहकार पैनल के सदस्यों को बदल दिया और अगस्त के अंत में इसकी प्रमुख सुसान मोनारेज को बर्खास्त कर दिया, जिसके विरोध में वरिष्ठ कर्मचारियों के एक समूह ने इस्तीफा दे दिया। डॉ. मोनारेज ने सीनेट को बताया कि उन्हें "वैज्ञानिक प्रमाणों की परवाह किए बिना" टीका नीति में बदलावों पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने के कारण बर्खास्त किया गया था। इस महीने की शुरुआत में कैनेडी ने कहा था कि उन्होंने डॉ. मोनारेज को इसलिए बर्खास्त कर दिया क्योंकि उन्हें लगा कि उनके साथ हुई बातचीत से पता चलता है कि वह भरोसेमंद नहीं हैं। डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य सचिव द्वारा कई टीकों की सुरक्षा और प्रभावकारिता पर लंबे समय से उठाए जा रहे सवालों की आलोचना की है।
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