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lifestayaldally Photograph: (ians)
नई दिल्ली। आयुर्वेद के अनुसारस्वस्थ रहने के लिए केवल डाइट नहीं, बल्कि पूरी दिनचर्या का संतुलन जरूरी है। सही समय पर सोना-जागना, भोजन करना और नियमित व्यायाम शरीर को संतुलित रखता है। सुबह सूर्योदय से पहले उठकर जल सेवन, हल्का व्यायाम और ध्यान मानसिक शांति देते हैं। मौसमानुसार भोजन और ताजा, सात्विक आहार रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। देर रात तक जागना, ज्यादा स्क्रीन टाइम और अनियमित भोजन आदतें शरीर की प्राकृतिक लय को बिगाड़ती हैं। आयुर्वेद का कहना है कि जीवनशैली में अनुशासन ही दीर्घायु और संपूर्ण स्वास्थ्य का असली मंत्र है।
जीवनशैलीमायने रखती
आयुर्वेद ये भी कहता है कि सेहत सिर्फ खाने से नहीं बनती, बल्कि आपकी पूरी जीवनशैली मायने रखती है। मतलब ये कि आप कितनी देर सोते हैं, कितना चलते हैं और कितना तनाव लेते हैं, ये सब चीजें आपकी सेहत पर असर डालती हैं। इसलिए रोज थोड़ा बहुत व्यायाम करना, समय पर सोना और दिमाग को भी आराम देना बहुत जरूरी है।
जब भूख लगे, तभी खाएं
आयुर्वेद का नाम सुनते ही बहुत लोग सोचते हैं कि ये कोई पाबंदी वाली चीज है, जैसे ये मत खाओ, वो मत करो। लेकिन असल में आयुर्वेद पाबंदी नहीं, बल्कि संतुलन की बात करता है। ये हमें सिखाता है कि हम अपने शरीर की प्रकृति के मुताबिक कैसे जिएं, ना कि उसके खिलाफ।
सबसे पहली बात है कि जब भूख लगे, तभी खाएं। कई बार हम टाइम देखकर खाना खाते हैं या ऐसे ही कुछ खा लेते हैं, लेकिन ये आदतें धीरे-धीरे पाचन खराब करती हैं। अगर शरीर को भूख नहीं लगी है, तो खाना भी ठीक से नहीं पचेगा और उल्टा नुकसान होगा।
खाने में छह तरह के स्वाद
दूसरी बात, हमारे खाने में छह तरह के स्वाद होने चाहिए: मीठा, खट्टा, नमकीन, तीखा, कड़वा और कसैला। जब ये सब स्वाद थोड़े-थोड़े शामिल होते हैं, तो शरीर को पूरा पोषण मिलता है। सिर्फ एक ही तरह का खाना खाते रहना भी सेहत के लिए ठीक नहीं। आयुर्वेद की मानें तो एक संतुलित खाना आपके शरीर को ऊर्जा देता है, ध्यान लगाने में मदद करता है और आपको हर दिन की भागदौड़ से निपटने के लिए तैयार करता है। इसलिए ना ज्यादा, ना कम, बस जितनी जरूरत हो उतना ही खाओ।
दिनभर की आदतों
अब बात करें दिनभर की आदतों की, तो अगर आप प्रोटीन से भरपूर खाना खाते हैं, पानी खूब पीते हैं, और खुद को दिनभर हाइड्रेटेड रखते हैं, तो आपका शरीर मजबूत बना रहेगा। इससे न सिर्फ आपकी ताकत बढ़ेगी, बल्कि मन भी खुश रहेगा और सोचने-समझने की ताकत भी तेज होगी।
(इनपुट-आईएएनएस)
Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"
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