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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। अमेरिका के न्यूयॉर्क में रहने वाले एक मशहूर कैंसर रोग विशेषज्ञ ने भारत में कैंसर को अधिसूचित रोग घोषित करने की एक संसदीय समिति की हालिया सिफारिश का स्वागत किया है। उन्होंने इस कदम को कैंसर के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ करार दिया है। भारत की एक संसदीय समिति ने पिछले महीने सिफारिश की थी कि कैंसर को सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में अधिसूचित रोग घोषित किया जाना चाहिए।
कैंसर के आकलन के लिए विश्वसनीय आंकड़े महत्वपूर्ण
नारायण दास गुप्ता की अध्यक्षता वाली राज्यसभा की याचिका समिति ने संसद में पेश अपनी 163 वीं रिपोर्ट में कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों, खासतौर पर कैंसर के आकलन के लिए विश्वसनीय आंकड़े महत्वपूर्ण हैं, जहां रुझानों पर नजर रखने, नीतियां तैयार करने और बुनियादी ढांचे की योजना बनाने के लिए व्यापक जानकारी आवश्यक है।
कैंसर से लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़
पद्मश्री से सम्मानित डॉक्टर दत्तात्रेयुडु नोरी ने कहा, राज्यसभा की एक समिति की हालिया सिफारिश समयानुकूल और आवश्यक दोनों है। यह कैंसर के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। उन्होंने कहा, एक भारतीय-अमेरिकी कैंसर विशेषज्ञ के रूप में, मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह कदम मजबूत निगरानी, लक्षित रोकथाम, न्यायसंगत संसाधन वितरण और अंततः लाखों लोगों के लिए बेहतर परिणाम को बढ़ावा देगा।”
केंद्र सरकार की अच्छी पहल
पद्मश्री से सम्मानित नोरी ने मेमोरियल स्लोअन केटरिंग कैंसर सेंटर में विभिन्न शैक्षणिक, नैदानिक, अनुसंधान और प्रशासनिक पदों पर काम किया है। वह कॉर्नेल विश्वविद्यालय के न्यूयॉर्क प्रेस्बिटेरियन अस्पताल में कैंसर सेंटर के प्रोफेसर और निदेशक के रूप में सेवाएं दे चुके हैं। डॉ. नोरी ने कहा कि कैंसर से जुड़े मामलों की रिपोर्टिंग को अनिवार्य बनाने से आंकड़ों की गुणवत्ता और प्रामाणिकता में नाटकीय वृद्धि होगी, जो बेहतर नीति के लिए एक आधारभूत कदम होगा। उन्होंने कहा, “भारत में कई राज्यों की सरकारें पहले ही यह कदम उठाया चुकी हैं, लेकिन कई लोगों ने राष्ट्रीय स्तर पर पहल किए जाने की उम्मीद की थी, जो अब पूरी होती नजर आ रही है। Cancer notifiable disease | HEALTH | get healthy body | get healthy