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Heart disease: हृदय रोग, जिसे कार्डियोवैस्कुलर रोग भी कहा जाता है, विश्व स्तर पर मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। भारत में, यह समस्या विशेष रूप से गंभीर है, जहां बदलती जीवनशैली और आनुवंशिक कारकों के कारण हृदय रोग के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हृदय रोग में कोरोनरी धमनी रोग, दिल का दौरा, हृदय फेल होने जैसी स्थितियां शामिल हैं। इसके खतरे के कारणों को समझना और बचाव के तरीकों को अपनाना स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक है। हृदय स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और सक्रियता लंबे और स्वस्थ जीवन की कुंजी है।जानें हृदय रोग के प्रमुख कारणों और उनसे बचाव के उपाय...
हृदय रोग के खतरे के मुख्य कारण
असंतुलित आहार हृदय रोग का एक प्रमुख कारण है। अधिक मात्रा में संतृप्त वसा, ट्रांस वसा, नमक और चीनी का सेवन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है और रक्त वाहिकाओं में रुकावट पैदा करता है। फास्ट फूड, तले हुए खाद्य पदार्थ और अत्यधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ इस जोखिम को और बढ़ाते हैं। फाइबर, फल और सब्जियों की कमी भी हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित करती है।
नियमित व्यायाम की कमी
नियमित व्यायाम की कमी हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाती है। बैठे रहने वाली जीवनशैली (सेडेंटरी लाइफस्टाइल) मोटापा, उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी समस्याओं को जन्म देती है, जो हृदय पर अतिरिक्त दबाव डालती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि हृदय को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है।
धूम्रपान और तंबाकू का सेवन
धूम्रपान हृदय रोग का एक प्रमुख जोखिम कारक है। सिगरेट में मौजूद निकोटीन और अन्य रसायन रक्त वाहिकाओं को संकुचित करते हैं, रक्तचाप बढ़ाते हैं और धमनी की दीवारों को नुकसान पहुंचाते हैं। तंबाकू चबाने या सेकेंड हैंड धुएं के संपर्क में आने से भी हृदय रोग का खतरा बढ़ता है।
उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन)
उच्च रक्तचाप हृदय और रक्त वाहिकाओं पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे धमनी की दीवारें मोटी और कठोर हो सकती हैं। इसे "साइलेंट किलर" भी कहा जाता है, क्योंकि इसके लक्षण अक्सर स्पष्ट नहीं होते। तनाव, नमक का अधिक सेवन और अनियमित जीवनशैली इसके प्रमुख कारण हैं।
मधुमेह
मधुमेह रक्त शर्करा के स्तर को अनियंत्रित करता है, जो रक्त वाहिकाओं और तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। इससे हृदय रोग का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है। भारत में मधुमेह के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिसके कारण हृदय रोग के मामले भी बढ़ रहे हैं।
मोटापा और अधिक वजन
अतिरिक्त वजन, विशेष रूप से पेट के आसपास जमा वसा, हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाता है। यह उच्च कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप और मधुमेह को बढ़ावा देता है। बॉडी मास इंडेक्स (BMI)25 से अधिक होने पर हृदय स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
तनाव और मानसिक स्वास्थ्य
लंबे समय तक तनाव, चिंता और अवसाद हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। तनाव के दौरान शरीर में कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन जैसे हार्मोन रिलीज होते हैं, जो रक्तचाप और हृदय गति को बढ़ाते हैं। इसके अलावा, तनाव के कारण लोग अस्वास्थ्यकर आदतों, जैसे अधिक खाना या धूम्रपान, की ओर आकर्षित हो सकते हैं।
आनुवंशिक और पारिवारिक इतिहास
यदि परिवार में हृदय रोग का इतिहास है, तो व्यक्ति में इसका जोखिम अधिक होता है। आनुवंशिक कारक कोलेस्ट्रॉल के स्तर, रक्तचाप और हृदय की संरचना को प्रभावित कर सकते हैं।: Health Advice | get healthy | HEALTH | Digital health care | Health Awareness
अत्यधिक शराब का सेवन
अधिक शराब पीने से रक्तचाप बढ़ता है, हृदय की मांसपेशियां कमजोर होती हैं और ट्राइग्लिसराइड का स्तर बढ़ता है, जो हृदय रोग का कारण बनता है।
हृदय रोग से बचाव के तरीके
स्वस्थ आहार अपनाएं
हृदय स्वास्थ्य के लिए संतुलित आहार जरूरी है। अपने भोजन में ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, नट्स और मछली शामिल करें। ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे सैल्मन और अलसी, हृदय के लिए लाभकारी हैं। नमक, चीनी और ट्रांस वसा का सेवन कम करें। भारतीय भोजन में दाल, रोटी, और हरी सब्जियां शामिल करना एक अच्छा विकल्प है।
नियमित व्यायाम करें
सप्ताह में कम से कम 150 मिनट मध्यम तीव्रता वाला व्यायाम, जैसे तेज चलना, साइकिल चलाना या योग, हृदय को मजबूत करता है। योग और प्राणायाम, जैसे अनुलोम-विलोम, तनाव कम करने में भी मदद करते हैं। व्यायाम रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और वजन को नियंत्रित रखता है।
धूम्रपान और तंबाकू छोड़ें
धूम्रपान छोड़ना हृदय रोग के जोखिम को तुरंत कम करता है। छोड़ने के लिए परामर्श, निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी या समूह सहायता ले सकते हैं। परिवार और दोस्तों का समर्थन भी इस प्रक्रिया को आसान बनाता है।
वजन नियंत्रित करें
स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए कैलोरी संतुलन पर ध्यान दें। नियमित व्यायाम और स्वस्थ आहार के साथ वजन को नियंत्रित करना हृदय पर दबाव को कम करता है। कमर का माप (पुरुषों के लिए 40 इंच और महिलाओं के लिए 35 इंच से कम) हृदय स्वास्थ्य के लिए आदर्श है।
रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल की जांच
नियमित रूप से रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर की जांच करवाएं। उच्च रक्तचाप या कोलेस्ट्रॉल को दवाओं और जीवनशैली में बदलाव के साथ नियंत्रित किया जा सकता है। डॉक्टर की सलाह का पालन करें।
नियमित स्वास्थ्य जांच
30 वर्ष की आयु के बाद नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएं। ईसीजी, लिपिड प्रोफाइल और अन्य टेस्ट हृदय की स्थिति का आकलन करने में मदद करते हैं। शुरुआती निदान और उपचार से जोखिम को कम किया जा सकता है।
हृदय रोग
एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन सही जानकारी और जीवनशैली में बदलाव के साथ इसे रोका जा सकता है। स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, धूम्रपान से परहेज और तनाव प्रबंधन जैसे कदम हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। इसके साथ ही, नियमित जांच और डॉक्टर की सलाह जोखिम को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।