वाईबीएन नेटवर्क।
डायबिटीज़ यानी मधुमेह आज करोड़ों लोगों की समस्या बन चुकी है। एलोपैथिक दवाइयों के साथ ज़िंदगीभर की निर्भरता और साइड इफेक्ट्स ने लोगों को आयुर्वेद की ओर मोड़ दिया है। और इसी खोज में नीम एक वरदान बनकर सामने आया है।
नीम: एक कड़वा लेकिन करिश्माई इलाज
आयुर्वेद के अनुसार नीम की पत्तियों में रक्त को शुद्ध करने, इम्युनिटी बढ़ाने और शुगर लेवल को नियंत्रित रखने की जबरदस्त शक्ति होती है। अगर कोई व्यक्ति रोज़ सुबह खाली पेट 4-5 ताज़ी नीम की पत्तियाँ चबाकर खाता है, तो कुछ ही हफ्तों में उसके ब्लड शुगर लेवल में संतुलन देखने को मिलता है।
कैसे करता है नीम असर
नीम में मौजूद 'टेरपेनॉइड्स' और 'फ्लेवोनॉइड्स' शरीर के अंदर इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाते हैं, जिससे पैंक्रियाज़ बेहतर तरीके से काम करता है और शुगर का स्तर नियंत्रण में रहता है। यह न केवल शुगर लेवल को घटाता है, बल्कि भविष्य में डायबिटीज़ की संभावना को भी कम करता है।
सावधानी है ज़रूरी
हालांकि नीम पूरी तरह प्राकृतिक है, फिर भी इसका सेवन करते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। अत्यधिक सेवन से पेट में जलन या एसिडिटी हो सकती है। गर्भवती महिलाएं या लो ब्लड शुगर वाले लोग इसे डॉक्टर से पूछकर ही लें।
बचाव ही सबसे बड़ा इलाज
डायबिटीज़ को रोकने के लिए सिर्फ नीम ही नहीं, बल्कि योग, नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और सकारात्मक सोच भी बेहद जरूरी हैं। नीम इसमें आपकी नैचुरल मददगार बन सकता है।