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बढ़ते प्रदूषण व मानसिक तनाव से लोगों में ऑक्सीजन की कमी, योग से मिलेगा समाधान

प्रदूषण और मानसिक तनाव के कारण लोगों में ऑक्सीजन की कमी और थकान की समस्या आम हो रही है। ऑक्सीजन की कमी से सिरदर्द, चक्कर, नींद न आना और एकाग्रता में कमी जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं, ऐसे में प्राणायाम और योग सबसे सरल उपाय माने जाते हैं।

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YBN News
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yoga Photograph: (IANS)

नई दिल्ली। आज की व्यस्त जीवनशैली, बढ़ते प्रदूषण और लगातार मानसिक तनाव के कारण लोगों में ऑक्सीजन की कमी और थकान की समस्या आम होती जा रही है। ऑक्सीजन की कमी से सिरदर्द, चक्कर, नींद न आना और एकाग्रता में कमी जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार शुद्ध हवा और गहरी सांस लेना शरीर को तरोताजा करने के लिए बेहद जरूरी है। ऐसे में प्राणायाम और योग सबसे सरल उपाय माने जाते हैं। योगासन और नियंत्रित श्वास-प्रश्वास तकनीकें न केवल ऑक्सीजन स्तर बढ़ाती हैं बल्कि तनाव कम करके मानसिक शांति भी प्रदान करती हैं।

गंभीर बीमारियों की शुरुआत

जानकारी हो कि हर दिन की भागदौड़, बढ़ता प्रदूषण, नींद की कमी, चिंता और लगातार स्क्रीन टाइम, ये सब सेहत पर बुरा असर डाल रहे हैं। ऐसे में शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम होना एक आम बात बनती जा रही है। ऑक्सीजन की कमी केवल थकान या सिरदर्द का कारण नहीं बनती, बल्कि यह गंभीर बीमारियों की शुरुआत का संकेत भी हो सकती है।

आयुष मंत्रालय

वहीं , आयुष मंत्रालय का मानना है कि अपनी जीवनशैली में योग को शामिल करना बेहद जरूरी हो गया है, क्योंकि ये फेफड़ों को मजबूती देता है और शरीर में ऑक्सीजन के प्रवाह को बेहतर बनाता है।

मत्स्यासन :-

जानकारी हो कि मत्स्यासन से शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह तेज होता है। इसके साथ ही, यह आसन थायरॉइड ग्रंथि को भी संतुलित करता है, जो पूरे मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है।

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त्रिकोणासन :-

वहीं ,त्रिकोणासन के अभ्यास से फेफड़ों के चारों ओर की मांसपेशियां फैलती हैं, जिससे सांस लेने की क्षमता अपने आप बढ़ जाती है। यह फैलाव शरीर को अधिक ऑक्सीजन ग्रहण करने और उसे बेहतर तरीके से शरीर में पहुंचाने में मदद करता है। इसके साथ ही रीढ़ की हड्डी को मिलने वाला खिंचाव शरीर की ऊर्जा को संतुलित करता है।

यष्टिकासन :-

जानकारी के अनुसार यष्टिकासन को करते समय रीढ़ सीधी रहती है और श्वास नली बिना किसी दबाव के खुलती है। जब श्वास बिना रुकावट के भीतर जाती है, तो फेफड़ों तक पहुंचने वाली हवा की मात्रा बढ़ जाती है और शरीर को शुद्ध ऑक्सीजन ज्यादा मिलती है। यह आसन खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो घंटों कंप्यूटर या मोबाइल के सामने झुककर काम करते हैं और जिन्हें खुलकर सांस लेने में दिक्कत होती है।

अधोमुख श्वानासन :-

खासकर अधोमुख श्वानासन के नियमित अभ्यास से शरीर में रक्त का बहाव बेहतर होता है और ऑक्सीजन की आपूर्ति भी सुचारू हो जाती है। यह आसन तनाव को कम करता है और दिमाग को अधिक ऑक्सीजन मिलने में मदद करता है, जिससे मानसिक स्पष्टता आती है।

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योगासन और नियंत्रित श्वास-प्रश्वास तकनीकें न केवल ऑक्सीजन स्तर बढ़ाती हैं बल्कि तनाव कम करके मानसिक शांति भी प्रदान करती हैं।

(इनपुट-आईएएनएस)

Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"

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