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बढ़ता कोलेस्ट्रॉल: शरीर के लिए खतरे की घंटी, आयुर्वेद बताएगा समाधान

बढ़ता कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए एक गंभीर खतरे की घंटी है, जिससे दिल की बीमारियां, हाई बीपी, स्ट्रोक और ब्लॉकेज का खतरा बढ़ जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, खान-पान और जीवनशैली में बदलाव करके कोलेस्ट्रॉल को प्राकृतिक रूप से नियंत्रित किया जा सकता है।

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YBN News
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cholesterolblockages Photograph: (ians)

नई दिल्ली। बढ़ता कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए एक गंभीर खतरे की घंटी है, जिससे दिल की बीमारियां, हाई बीपी, स्ट्रोक और ब्लॉकेज का खतरा बढ़ जाता है। अनहेल्दी डाइट, तनाव, मोटापा और शारीरिक गतिविधि की कमी इसके प्रमुख कारण हैं। आयुर्वेद के अनुसार, खान-पान और जीवनशैली में बदलाव करके कोलेस्ट्रॉल को प्राकृतिक रूप से नियंत्रित किया जा सकता है। लहसुन, त्रिफला, मेथी दाना और अर्जुन की छाल हृदय स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी माने जाते हैं। रोजाना खाली पेट गुनगुने पानी में शहद और नींबू मिलाकर पीने से भी फायदा होता है। तली-भुनी चीजें और ज्यादा नमक से बचें तथा रोजाना 30 मिनट व्यायाम जरूर करें।

शरीर के लिए खतरे का संकेत

मालूम हो कि कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिए जरूर जरूरी है, लेकिन जब यह जरूरत से ज्यादा बढ़ जाता है तो दिल पर बोझ बनने लगता है। जब वसा रक्त में बढ़ती है तो यह धीरे-धीरे धमनियों में जमकर उन्हें संकुचित और कठोर कर देती है। इससे खून का प्रवाह रुक-रुक कर चलता है और दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है।  

बढ़ता कोलेस्ट्रॉल

आयुर्वेद के अनुसार, जब पाचन कमजोर हो, तैलीय-मीठा भोजन ज्यादा खाया जाए, तनाव बना रहे और शरीर को पर्याप्त गतिविधि न हो, तब कोलेस्ट्रॉल अपने प्राकृतिक स्तर से ऊपर जाने लगता है। चरक संहिता में भी कहा गया है कि जब मेद दोष बढ़ता है, तब शरीर भारी और मन सुस्त हो जाता है। आयुर्वेद कोलेस्ट्रॉल को मेद धातु विकार कहता है, जिसका सीधा संबंध शरीर के धातु संतुलन से है। जब भोजन अधपचा रह जाता है तो वह शरीर में घूमता रहता है और नसों में जमने लगता है। इसका असर थकान, भारीपन, सुस्ती, सांस फूलना और दिल की धड़कन तेज होने जैसे लक्षणों में दिखता है। अगर पाचन और जीवनशैली सुधार ली जाए तो शरीर की धमनियां स्वतः साफ होने लगती हैं और कोलेस्ट्रॉल भी प्राकृतिक रूप से नियंत्रित रहता है।

आयुर्वेद से जानें उपाय

इस समस्या में कुछ आयुर्वेदिक हर्ब्स काफी फायदेमंद मानी जाती हैं, जैसे त्रिफला को रात में लेने से पाचन दुरुस्त होता है। गुग्गुलु मेद दोष कम करने में विशेष रूप से उपयोगी मानी जाती है।

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अर्जुन की छाल हृदय को मजबूती देती है और लिपिड प्रोफाइल सुधारती है। मेथी दाना सुबह भिगोकर पीने से कोलेस्ट्रॉल प्राकृतिक रूप से कम होने लगता है। लहसुन भी रक्त को साफ करने में उपयोगी है, लेकिन इसे बिना सलाह के अधिक मात्रा में नहीं लेना चाहिए।

कुछ आसान घरेलू उपाय

कुछ आसान घरेलू उपाय भी अपनाए जा सकते हैं, जैसे रात को त्रिफला लेना, सुबह शहद-नींबू पानी पीना, तुलसी-अदरक वाली ग्रीन टी लेना और रोज कम से कम 20–30 मिनट टहलना। तैलीय भोजन, जंक फूड, मीठे और तैयार खाद्य पदार्थों से दूरी बनाना सबसे जरूरी है ।

 (इनपुट-आईएएनएस)

Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"

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