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थायराइड एक ऐसी बीमारी है जिससे भारत में लगभग 42 मिलियन लोग प्रभावित हैं। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करने वाली यह बीमारी , सुनने में भले ही एक छोटी लगे किंतु असल में यह पीड़ित व्यक्ति के हार्मोन से लेकर फर्टिलिटी तक को प्रभावित कर सकता है। यहां तक कि आपकी आने वाली पीढ़ियों पर भी इसका असर हो सकता है। एक स्टडी के अनुसार, आज भारत में हर तीसरी महिला थायराइड पीड़ित है। इसकी बड़ी वजह बदलती जीवनशैली है। अस्वास्थ्यकर भोजन, नींद में कमी और तनाव है। आप जीवनशैली में बदलाव कर इससे छुटकारा पा सकते हैं।
हर अंग से जुड़ा है यह हार्मोन
थायराइड हार्मोन बॉडी के महत्वपूर्ण हार्मोन्म से एक है। मेटाबॉलिज्म, वजन से लेकर हृदय गति, ऊर्जा का स्तर, शरीर का तापमान, त्वचा, बाल, नाखूनों की सेहत सब थायराइड हार्मोन पर निर्भर होता है। यह हार्मोन शरीर की लगभग हर अंग प्रणाली से जुड़ा होता है और उसकी गतिविधियों को पूरा करता है। इस हार्मोन के असंतुलन के कारण थायराइड रोग होने की आशंका रहती है। क्या हैं थायराइड के कारण और कैसे आप इस रोग से मुक्ति पा सकते हैं?
थायराइड के दो टाइप मौजूद
यह हार्मोन शरीर में दो रूप में मौजूद होता है। ट्राईआयोडोथायरोनिन, जिसे टी-3 कहते हैं। और थायरोक्सिन जिसे टी-4 कहा जाता है। जब शरीर में थायराइड हार्मोन का स्तर बढ़ता है तो इसे हाइपरथायराइड बोला जाता है। इसमें वजन तेजी से कम होने लगता है, दिल की धड़कनें अनियमित हो जाती हैं। वहीं जब शरीर पर्याप्त मात्रा में थायराइड हार्मोन नहीं बनता तो इस स्थिति को हाइपोथायराइड कहते हैं। इसमें वजन बढ़ने लगता है और थकान महसूस होती है।
इसलिए बढ़ रहा है थायराइड
दिल्ली की महिला रोग चिकित्सक डॉ. अनुराधा खुराना का कहना है कि थायराइड को आप एक लाइफस्टाइल डिजीज बोल सकते हैं। खराब जीवनशैली हाइपोथायराइड और हाइपरथायराइड दोनों ही प्रकार के थायराइड को बढ़ावा देती है। तनाव, खराब आहार और एक्सरसाइज की कमी जैसे कारक थायराइड का जोखिम काफी हद तक बढ़ा देते हैं क्योंकि यह हार्मोन शरीर के कई अंगों से जुड़ा है। इसलिए इसके असंतुलन से वे सभी प्रभावित होते हैं।
महिला रोग विशेषज्ञ का कहना है कि वजन बढ़ना, थायराइड असंतुलन का एक सामान्य कारण होने के साथ ही लक्षण भी है। आज के समय में कम उम्र में थायराइड होने का एक कारण मोटापा है। हालांकि ऐसा नहीं है कि यही इस बीमारी का एकमात्र कारण या लक्षण है। वजन बढ़ने के साथ ही अगर कोई महिला लगातार थकान महसूस करती है, ठंड ज्यादा लगती है, मूड स्विंग होते हैं, बाल बहुत ज्यादा झड़ रहे हैं या फिर पीरियड्स अनियमित होने लगे हैं तो आपको थायराइड टेस्ट जरूर करवाना चाहिए।
आयोडीन कितना जरूरी?
आयोडीन को आप थायराइड की ‘दवा’भी कह सकते हैं। आयोडीन के सेवन से थायराइड हार्मोन के उत्पादन में मदद मिलती है। हालांकि इसका ज्यादा या कम सेवन करना खतरनाक भी हो सकता है। क्योंकि यह थायराइड हार्मोन का संतुलन खराब कर सकता है। इसके सप्लीमेंट चिकित्सक की सलाह पर ही लें। आमतौर पर नमक में मौजूद आयोडीन ही काफी होता है। सेलेनियम युक्त भोजन भी फायदेमंद रहता है। जैसे ब्राजील नट्स, ब्राउन राइस, ओट्स, समुद्री भोजन, मांस, अंडे, मुर्गी आदि फायदेमंद हो सकते हैं। get healthy | Do Yoga Stay Healthy | Healthy Dish | healthy habits in Hindi | healthy heart tips