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vaccination: बच्चों और महिलाओं के लिए समय पर वैक्सीनेट होना जरूरी, जानते हैं क्यों?

बच्चों और महिलाओं के लिए समय पर वैक्सीनेशन बेहद जरूरी है। यह गंभीर बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता हार्ड इम्यूनिटी को बढ़ावा देकर सुरक्षित भी रखता है। खासकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए वैक्सीन जानलेवा बीमारियों से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है।

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YBN News
Vaccination

Vaccination Photograph: (ians)

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नोएडा,आईएएनएस। बच्चों और महिलाओं के लिए समय पर वैक्सीनेशन बेहद जरूरीहै। यह न केवल गंभीर बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि हार्ड इम्यूनिटी को बढ़ावा देकर सुरक्षित भी रखता है। खासकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए वैक्सीन जानलेवा बीमारियों से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है। नोएडा के सीएचसी भंगेल की सीनियर मेडिकल ऑफिसर और महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. मीरा पाठक ने विस्तार से इस विषय में जानकारी दी। 

वैक्सीनेशन बेहद जरूरी

सीनियर मेडिकल ऑफिसर और गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ. मीरा पाठक ने बताया, “नवजात शिशुओं का इम्यून सिस्टम डेवलप हो रहा होता है। ऐसे में वैक्सीन उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं, जिससे गंभीर बीमारियों से बचाव होता है। कोविड-19 के दौरान वैक्सीनेशन में कमी के कारण मीजल्स और खांसी की समस्याएं बड़े स्तर पर देखी गईं। समय पर वैक्सीनेशन इन बीमारियों को रोकने के लिए जरूरी है। वैक्सीन का काम होता है कि वह उन बीमारियों से बच्चों को बचाए क्योंकि वैक्सीन देने की वजह से उनका इम्यून सिस्टम स्ट्रांग होता है, उनका इम्यून रिस्पांस होता है और उनको बीमारियों से बचाव मिलता है।"

बीमारियों से बचाव

डॉ. पाठक कहती हैं, "प्रत्येक बीमारी के लिए टीकों की डोजेज, अंतराल और एज लिमिट भी अलग होती है। कई बीमारियों में मल्टी डोजेज की जरूरत होती है। किस बीमारी में कितनी डोज होगी, ये सब रिसर्च के अनुसार पता चलता है। प्रेग्नेंसी के दौरान डायबिटिज और थायरॉइड की समस्याएं खतरा बढ़ा सकती हैं। कोविड-19 के समय यह रिसर्च सामने आया था कि कई लोगों में मीजल्स की समस्याएं देखी गई थीं। नियमित ब्लड शुगर को मॉनिटर करने के साथ ही संतुलित आहार जरूरी है। थायरॉइड के लिए, हाइपोथायरॉइडिज्म से भ्रूण के विकास पर असर पड़ सकता है। दवाओं और आयोडीन युक्त आहार की सलाह दी जाती है।"

बच्चों के वैक्सीनेशन शेड्यूल

कामकाजी माता-पिता के लिए बच्चों के वैक्सीनेशन शेड्यूल को मैनेज करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। डॉ. पाठक सुझाव देती हैं कि माता-पिता अपने बाल रोग विशेषज्ञ के साथ मिलकर एक वैक्सीनेशन कैलेंडर बनाएं। वैक्सीन का समय बच्चों की उम्र और रोगों के जोखिम के आधार पर निर्धारित होता है। नियमित जांच के दौरान वैक्सीन को प्राथमिकता दें और छूटे टीकों के लिए तुरंत अपॉइंटमेंट लें। यदि कोई टीका छूट जाए, तो डॉक्टर से सलाह लेकर कैच-अप शेड्यूल बनाएं, ताकि बच्चे की रक्षा सुनिश्चित हो। समय पर वैक्सीनेशन न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य, बल्कि सामुदायिक प्रतिरक्षा (हर्ड इम्यूनिटी) को भी बढ़ाता है।

सामूहिक प्रतिरक्षा

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हर्ड इम्यूनिटी, एक प्रोसेस जिसे सामूहिक प्रतिरक्षा भी कहा जाता है, तब होती है जब किसी आबादी का एक बड़ा हिस्सा किसी बीमारी से इम्यून (प्रतिरक्षित) हो जाता है। इससे उस बीमारी का प्रसार सीमित हो जाता है। यह आमतौर पर वैक्सीनेशन या प्राकृतिक संक्रमण के माध्यम से होता है। जब पर्याप्त लोग प्रतिरक्षित हो जाते हैं, तो बीमारी के फैलने की संभावना कम हो जाती है।

डॉक्टर से नियमित जांच

महिलाओं को जीवन के विभिन्न चरणों में स्पेसिफिक वैक्सीन की जरूरत होती है। किशोरावस्था में एचपीवी वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर से बचाव करती है। गर्भावस्था में टीडीएपी (टेटनस, डिप्थीरिया, पर्टुसिस) और फ्लू वैक्सीन शिशु को जन्म के शुरुआती महीनों में सुरक्षा प्रदान करते हैं। मेनोपॉज के दौरान शिंगल्स और न्यूमोकोकल वैक्सीन निमोनिया और अन्य मुश्किलों से बचाती हैं।

डॉ. पाठक ने कहा, “गर्भवती महिलाओं को अपने डॉक्टर से नियमित जांच और वैक्सीन शेड्यूल पर चर्चा करनी चाहिए।”

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