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डिप्रेशन एक मूड डिसऑर्डर है जो लगातार उदासी की भावनाऔर उन चीजों और गतिविधियों में रुचि की कमी का कारण बनता है जिन्हें आप पहले पसंद करते थे। यह सोचने, याद रखने, खाने और सोने में भी कठिनाई पैदा कर सकता है।
अवसाद के प्रमुख कारण:
मानसिक तनाव
कार्यस्थल का दबाव, पारिवारिक समस्याएं या रिश्तों में तनाव अवसाद को जन्म दे सकते हैं।हार्मोनल असंतुलन
शरीर में हार्मोन के उतार-चढ़ाव (जैसे थायरॉयड, प्रेगनेंसी या पीरियड्स के दौरान) भी अवसाद का कारण बन सकते हैं।बचपन का आघात
बचपन में किसी प्रकार की हिंसा, उपेक्षा या शोषण का अनुभव डिप्रेशन का बीज बन सकता है।नशे की लत
शराब, ड्रग्स या अन्य मादक पदार्थों का सेवन मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है।स्वस्थ जीवनशैली की कमी
नींद की कमी, असंतुलित भोजन और शारीरिक गतिविधि का अभाव भी मानसिक स्थिति पर असर डालते हैं।अवसाद से उबरने के उपाय:
खुद से बात करें और भावनाओं को समझें:
अवसाद को नजरअंदाज न करें। अपनी भावनाओं को पहचानें और उन्हें स्वीकारें।पेशेवर मदद लें:
मनोचिकित्सक या काउंसलर से संपर्क करें। कभी-कभीथेरेपीऔर दवाओं की ज़रूरत होती है।योग और ध्यान करें:
नियमित योग, प्राणायाम और ध्यान मानसिक शांति प्रदान करते हैं और तनाव को कम करते हैं।स्वस्थ दिनचर्या अपनाएं:
संतुलित आहार, पर्याप्त नींद और रोज़ की एक्सरसाइज़ से शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं।सकारात्मक सोच विकसित करें:
नकारात्मक विचारों को पहचानें और उन्हें सकारात्मक सोच से बदलने का प्रयास करें।प्रियजनों से बात करें:
दोस्तों और परिवार से अपनी स्थिति साझा करें। सामाजिक समर्थन बहुत मददगार हो सकता है।रचनात्मक कार्यों में शामिल हों:
पेंटिंग, म्यूजिक, लेखन या कोई भी रचनात्मक गतिविधि अवसाद से ध्यान हटाने में मदद कर सकती है।निष्कर्ष:
अवसाद एक गंभीर लेकिन ठीक होने वाली मानसिक स्थिति है। इसके बारे में खुलकर बात करना और समय पर मदद लेना बेहद ज़रूरी है। मानसिक स्वास्थ्य उतना ही जरूरी है जितना कि शारीरिक स्वास्थ्य। अगर आप या आपके आसपास कोई डिप्रेशन से जूझ रहा है, तो उसे अकेला न छोड़ें – बात करें, सुनें और साथ दें।