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शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता । जनपद के खुदागंज थाना क्षेत्र के गांव बरौरा में भाईचारे को शर्मसार करने वाली घटना में छोटे भाई ने ही अपने बड़े भाई की गला दबाकर हत्या कर दी। करीब चार साल बाद इस सनसनीखेज मामले में अदालत ने दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश अभय प्रताप सिंह प्रथम की अदालत ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर सुनाया।
यह घटना 29 अक्टूबर 2020 की है। गांव के चौकीदार प्रभुदयाल ने पुलिस को सूचना दी थी कि रमनपाल सिंह की संदिग्ध परिस्थिति में मृत्यु हो गई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया, जिसमें गला दबाकर हत्या किए जाने की पुष्टि हुई। 1 नवंबर को मृतक की मां मायादेवी ने खुदागंज थाने में दी तहरीर में बताया कि उनका छोटा बेटा अजय उर्फ दीवान सिंह बीते 20 वर्षों से गांव में ही अपने फुफेरे भाई धर्मपाल सिंह के यहां रह रहा था।
घटना की रात 28 अक्टूबर को रमनपाल घर पर खाना खा रहा था तभी अजय वहां पहुंचा। दोनों के बीच कहासुनी के बाद झगड़ा शुरू हो गया। मां मायादेवी ने झगड़ा शांत कराने की कोशिश की लेकिन बात नहीं बनी। वह गांव में रहने वाली अपनी बेटी को बुलाने चली गईं। जब वह लौटकर आईं तो देखा कि अजय दरवाजे के पास खड़ा था और रमनपाल चारपाई पर मृत पड़ा था। शोरगुल सुनकर गांव के लोग इकट्ठा हो गए और पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने अजय के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच की और चार्जशीट अदालत में दाखिल की। अदालत में सुनवाई के दौरान प्रस्तुत साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर न्यायाधीश ने अजय को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।
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