Advertisment

गेहूं, ज्वार या बाजरा: जानें कौन सी रोटी है सेहत के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद

देश के अलग-अलग राज्यों में कहीं गेहूं की रोटी, तो कहीं बाजरे और मक्के की रोटी खाई जाती है। हर रोटी के अपने फायदे और गुण होते हैं। आज हम अलग-अलग रोटियों के फायदे बताएंगे, साथ ही बताएंगे कि किस समय किस रोटी को खाने से बचना चाहिए।

author-image
YBN News
Rotihealthy

Rotihealthy Photograph: (ians)

नई दिल्ली। स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए सही आहार का चयन बेहद जरूरी है। ऐसे में सवाल उठता है कि गेहूं, ज्वार या बाजरा-किसकी रोटी ज्यादा फायदेमंद है? विशेषज्ञों के अनुसार, बाजरे की रोटी सबसे पौष्टिक मानी जाती है, क्योंकि इसमें फाइबर, आयरन, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर होते हैं। यह पाचन को बेहतर बनाती है और डायबिटीज के रोगियों के लिए लाभकारी है। ज्वार की रोटी भी ग्लूटेन-फ्री होती है और वजन नियंत्रण में मदद करती है, जबकि गेहूं की रोटी ऊर्जा का अच्छा स्रोत है। मौसम और शरीर की जरूरत के अनुसार इनका संतुलित सेवन सबसे बेहतर माना गया है।

आहार का चयन बेहद जरूरी

हर रोटी के अपने फायदे और गुण होते हैं। देश के अलग-अलग राज्यों में कहीं गेहूं की रोटी, तो कहीं बाजरे और मक्के की रोटी खाई जाती है। आज हम अलग-अलग रोटियों के फायदे बताएंगे, साथ ही बताएंगे कि किस समय किस रोटी को खाने से बचना चाहिए। 

गेहूं की रोटी

पहले बात करते हैं गेहूं की रोटी की। गेहूं की रोटी उत्तर भारत के ज्यातार इलाकों में खाई जाती है। गेहूं की रोटी में कार्बोहाइड्रेट, विटामिन बी, और मिनरल होते हैं, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं। हालांकि गेहूं की रोटी का ज्यादा सेवन वजन को बढ़ाता है। साथ ही, भरपूर कार्बोहाइड्रेट होने की वजह से शुगर और थायराइड के मरीज को गेहूं के आटे में दूसरा अन्य आटा मिलाकर लेना चाहिए। सुबह और दोपहर में गेहूं की रोटी का सेवन किया जा सकता है, लेकिन रात को इसके सेवन से बचें, क्योंकि इसे पचाने में ज्यादा मेहनत लगती है।

बाजरे की रोटी

बाजरे की रोटी भी स्वाद और सेहत दोनों के मापदंड पर खरी उतरती है। बाजरे की रोटी में भरपूर आयरन होता है, जो खून की कमी नहीं होने देता। बाजरा शरीर को गर्म रखने में भी मदद करता है, हालांकि गर्मियों में बाजरे की रोटी का सेवन कम करना चाहिए। सर्दियों में इसका सेवन दोपहर के वक्त ही करना अच्छा होता है, क्योंकि बाजरा भारी होता है।

Advertisment

ज्वार की रोटी

ज्वार की रोटी बहुत कम जगहों पर खाई जाती है। मुख्यत: कर्नाटक, मध्य प्रदेश, और राजस्थान में ज्वार की रोटी खाई जाती है। ज्वार में ग्लूटेन नहीं होता है, जिसकी वजह से ये और पौष्टिक बन जाती है। इसमें कम कैलोरी भी होती है, जिसकी वजह से बढ़ता वजन भी नियंत्रित रहता है। शुगर के मरीजों के लिए ज्वार की रोटी फायदेमंद होती है। इसे दोपहर या रात को आहार में शामिल कर सकते हैं।

रागी की रोटी

रागी की रोटी को पित्त को संतुलित करने वाला माना जाता है। अगर शरीर में पित्त दोष की वृद्धि है, इसके लिए रागी की रोटी खाई जा सकती है। रागी में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, ये पचने में भी आसान होती है। रागी की रोटी खाने से हड्डियां मजबूत होती हैं और इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद मिलती है। इसका सेवन सुबह नाश्ते और दोपहर के खाने में करना चाहिए।

(इनपुट-आईएएनएस)

Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"

Advertisment
Advertisment
Advertisment