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विशेषज्ञों ने कैंसर से बचने के लिए महिला को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने पर दिया जोर Photograph: (bbau)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। किंग जॉर्ज ​चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) के गाइनी ऑन्कोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. निशा सिंह ने कहा कि महिलाओं के स्वास्थ्य की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक कैंसर हैं। खासकर ओवेरियन कैंसर अक्सर महिलाओं में देर में देर से पहचाना जाता है। क्योंकि इसके शुरुआती लक्षण बहुत हल्के और आम लगते हैं, जिन्हें महिलाएं अक्सर नजरअंदाज कर देती हैं। इसलिए इसे साइलंट किलर भी कहा जाता है। समय-समय पर जांच और जागरूकता ही शुरुआती अवस्था में कैंसर का पता लगाने और सफल इलाज का सबसे बड़ा उपाय है।
महिलाओं को सेहत के प्रति सजग रहने की सलाह
डॉ. निशा ने सोमवार को बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय (BBAU) में ‘महिलाओं में कैंसर की जागरूकता और रोकथाम’ विषय पर कहा कि स्वस्थ जीवनशैली महिला के लिए बेहद जरूरी है। उन्होंने सर्वाइकल और स्तन कैंसर के बारे में जानकारी दी और पुरुषों व महिलाओं के लिए प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़े बचाव के उपाय बताए। इसके अलावा महिलाओं में मेनोपॉज के समय आने वाली समस्याओं और आहार प्रबंधन के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने सभी महिलाओं को सेहत के प्रति सजग रहने की सलाह देते हुए कहा कि समय पर उचित जांच और परामर्श लेकर खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखें।
शारीरिक और मानसिक सेहत में संतुलन जरूरी
अपोलो अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ और केजीएमयू की पूर्व पूर्व डीन अकेडमिक डॉ. विनीता दास ने 'चुप्पी तोड़ें-आइए महिलाओं के स्वास्थ्य के बारे में बात करें' विषय पर कहा कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, दोनों की बेहतरी के लिए सही खानपान, नियमित जांच और समय पर उपचार जरूरी है। उन्होंने सर्वाइकल, स्तन कैंसर और बॉडी मास इंडेक्स से संबंधित अहम जानकारियां साझा कीं। टीकाकरण की अहमियत बताते हुए टिटनेस, हेपेटाइटिस, एचपीवी और इन्फ्लुएंजा बीमारियों के टीकों के महत्व पर जोर दिया।महिलाओं में हीमोग्लोबिन की कमी, ब्लड प्रेशर, शुगर, विटामिन डी की कमी पर चर्चा की। बताया कि इन असंतुलन के कारण उच्च रक्तचाप, एनीमिया, डायबिटिक फुट, स्ट्रोक और ब्लड वेसल्स की क्षति जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
स्वास्थ्य जागरूकता बीमारियों की रोकथाम का पहला कदम
गृह विज्ञान विद्यापीठ, बीबीएयू की संकायाध्यक्ष प्रो. यूवी किरण ने कहा कि स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता ही बीमारियों की रोकथाम का पहला कदम है। उन्होंने युवाओं को भी इन अभियानों और कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित किया। प्रो. किरण ने कैंसर की रोकथाम को लेकर कहा कि समय-समय पर स्वास्थ्य जांच, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और जागरूक जीवनशैली अपनाकर कैंसर से बचाव संभव है।
कविताएं समाज को दिशा देने का माध्यम : वरिष्ठ साहित्यकार
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में सोमवार को हिंदी प्रकोष्ठ की ओर से आयोजित 'हिंदी पखवाड़ा उत्सव 2025' में लखनऊ के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. शिव मंगल कहा कि युवा पीढ़ी साहित्य और सृजन के क्षेत्र में अपनी दक्षता को सिद्ध कर रही है। उन्होंने बताया कि किसी भी कविता की सार्थकता तभी मानी जाती है जब उसमें पांच मुख्य तत्त्व विद्यमान हों। इनमें उचित वर्णों का प्रयोग, स्पष्ट अर्थ समूह की अभिव्यक्ति, रस की उपस्थिति, छंद का संतुलित और उपयुक्त स्थान तथा कविता का लोकमंगलकारी स्वरूप शामिल हैं। उनका मानना है कि कविता केवल भावनाओं का संचार भर नहीं, बल्कि समाज को दिशा देने का माध्यम भी है।
विविध विषयों पर भावपूर्ण काव्य पाठ
प्रतियोगिता के दौरान प्रतिभागियों ने नारी शक्ति, प्रेम, वसुंधरा की पुकार, हिंदी भाषा का महत्व, देशभक्ति और छात्र जीवन जैसे विविध और महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी भावपूर्ण कविताओं का पाठ प्रस्तुत किया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में साहित्य और भाषा के प्रति रुचि को प्रोत्साहित करना, रचनात्मक सोच को बढ़ावा देना और उनमें सामाजिक और राष्ट्रीय चेतना को जगाना था। प्रतिभागियों की अभिव्यक्ति, भाषा और शब्द चयन, रचनात्मकता, भावनात्मक प्रभाव और प्रस्तुति कौशल आदि पहलुओं को ध्यान में रखकर प्रतियोगिता का परिणाम निर्धारित किया जायेगा।
केएमसी के छात्र-छात्राओं ने किया जिला कारागार का भ्रमणलखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के विधि अध्ययन संकाय के छात्र-छात्राओं को स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा व मिशन शक्ति 5.0 के तहत जिला कारागार का शैक्षणिक भ्रमण किया। यह भ्रमण राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के निर्देश और कुलपति प्रो. अजय तनेजा तथा कुलसचिव डॉ. महेश कुमार के संरक्षण में आयोजित किया गया। भ्रमण के दौरान कारागार अधीक्षक और अन्य अधिकारियों ने छात्रों को जेल की कार्यप्रणाली, सुरक्षा व्यवस्था, कैदियों की दिनचर्या, स्वास्थ्य सुविधाएं और शिक्षा कार्यक्रमों की जानकारी दी। छात्रों ने प्रत्यक्ष रूप से बैरक, भोजनालय, अस्पताल और पुस्तकालय का निरीक्षण किया। साथ ही, कैदियों के लिए चलाए जा रहे कौशल विकास एवं पुनर्वास कार्यक्रमों को देखा। भ्रमण के अंत में छात्रों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम से उन्हें न्याय व्यवस्था की वास्तविकताओं और सुधारात्मक दृष्टिकोण को गहराई से समझने का अवसर मिला। कुलपति प्रो. अजय तनेजा और कुलसचिव डॉ. महेश कुमार ने कहा कि इस प्रकार के शैक्षणिक भ्रमण छात्रों के लिए अत्यंत उपयोगी होते हैं और उन्हें संवेदनशील तथा जिम्मेदार विधि व्यवसायी बनने की प्रेरणा देते हैं। केएमसी में हुआ बापू बाजार का आयोजनख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में स्वच्छता पखवाड़ा के तहत बापू बाजार का आयोजन गृह विज्ञान विभाग और विज्ञान संकाय की ओर से किया गया। विश्वविद्यालय के शैक्षणिक भवन स्थित अटल हॉल के सामने आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति प्रो. अजय तनेजा ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर डॉ. नीरज शुक्ला और डॉ. नलिनी मिश्रा भी उपस्थित रहे। इस मौके पर कुलपति ने कहा कि बापू बाजार केवल वस्त्रों का आदान-प्रदान भर नहीं है, बल्कि यह आत्मसम्मान, सामाजिक संवेदनशीलता और जरूरतमंदों को सशक्त बनाने का एक उत्सव है। महात्मा गांधी के आदर्शों से प्रेरित यह पहल सहयोग, समानता और जिम्मेदार उपभोक्तावाद की भावना को समाज में प्रोत्साहित करती है। गृह विज्ञान विभागाध्यक्ष एवं विज्ञान संकायाध्यक्ष डॉ. तत्हीर फात्मा ने बताया कि बापू बाजार का उद्देश्य समाज में स्वच्छता, पुन: उपयोग और पर्यावरण संरक्षण की भावना को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि न्यूनतम मूल्य पर वस्त्र उपलब्ध कराने से न केवल जरूरतमंदों की मदद होती है, बल्कि समाज में स्थायित्व और स्वच्छता का संदेश लवि के छात्रों ने समझा ऑनलाइन शिक्षा का महत्वलखनऊ विश्वविद्यालय के एसबी सिंह सभागार में स्वयंम को लेकर एक जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन हुआ। अध्यक्षता विभागाध्यक्ष प्रो. राम मिलन ने की। मुख्य अतिथि डा. किरण लता डंगवाल स्वयंम समन्वयक, लखनऊ विश्वविद्यालय तथा सत्र वक्ता डा. ऋषि कांत, स्वयंम मेंटर रहे। कार्यक्रम का संचालन डा. नीरा पाल एवं समन्वयन डा. प्रशांत सिंह ने किया। डा. किरन लता डंगवाल ने एमओसीसीएस की महत्ता एवं दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। वहीं डा. ऋषि कांत ने पंजीकरण प्रक्रिया, प्रमाणन के लाभ तथा क्रेडिट ट्रांसफर की जानकारी दी और स्वयंम पोर्टल का लाइव प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में लगभग 100 छात्रों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और ऑनलाइन शिक्षा के महत्व को समझा। इस कार्यक्रम का मुख्य संदेश यह रहा कि ज्ञान अब केवल कक्षाओं तक सीमित नहीं है। स्वयंम जैसे प्लेटफॉर्म के माध्यम से सीखने की कोई सीमा नहीं है। बता दें कि स्वयंम (स्टडी वेब्स ऑफ एक्टिव-लर्निंग फॉर यंग एस्पायरिंग माइंड्स) है। यह मानव संसाधन विकास मंत्रालय (अब शिक्षा मंत्रालय) द्वारा शुरू किया गया एक स्वदेशी भारतीय मंच है। |
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