म्यांमार, वाईबीएन नेटवर्क।
Myanmar earthquake: शुक्रवार की सुबह म्यांमार में आए भयंकर भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। रविवार की सुबह मरने वालों का आंकड़ा 1644 था, जो शाम तक 1700 को पार कर गया। थाईलैंड में भी मरने वालों की संख्या बढ़ रही है। भूकंप कितना विनाशकारी था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एपिसेंटर से करीब एक हजार किमी दूर थाईलैंड की राजधानी
Bangkok earthquake में भी मरने वालों की संख्या 17 पहुंच गई है। म्यांमार के सरकारी आंकड़ों मुताबिक घायलों की संख्या 3400 से अधिक और लापता हुए लोगों का आंकड़ा 300 के पार पहुंच गया है।
त्रासदी का आंकलन होने में समय लगेगा
अभी
त्रासदी का पूरी तरह आंकलन होने में समय लगेगा।
भूकंप से म्यांमार में इमारतें, पुल और सड़कें बुरी तरह ध्वस्त हो गई हैं। शहरों का आपस में संपर्क टूट गया है। संचार सेवा बाधित होने के कारण जहां रेस्क्यू ऑपरेशन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वहीं ऑपरेशन की जानकारी मिलने में देर हो रही है। इसी के चलते अभी तक नुकसान का भी आंकलन पूरा नहीं हो सका है। 2021 में हुए तख्ता पलट के बाद संघर्ष कर रहे म्यांमार के लिए यह बहुत बड़ा झटका है, जिसका प्रभाव दशकों तक रह सकता है।
आसियान ने सहायता की पेशकश की
दक्षिण एशियाई देशों के संगठन के विदेश मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान जारी कर म्यांमार और थाईलैंड को मानवीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि आपदा, राहत और पुनर्वास कार्यों में सहायता के लिए आसियान पूरी तरह तैयार है। बता दें कि म्यांमार 1997 में आसियान का सदस्य बना था।
भारत ने सबसे पहले पड़ोसी धर्म निभाया
भूकंप की त्रासदी झेल रहे म्यांमार की मदद के लिए भारत की ओर से की गई शुरूआत आगे बढ़ चली है। भारत ने जहां राहत सामग्री के साथ एनडीआरएफ के रेस्क्यूर्स की टीम भेजकर सबसे पहले पड़ोसी धर्म निभाया वहीं टेक दिग्ग्ज एलन मस्क ने संचार सेवाएं बहाल करने के लिए स्टार लिंक किट भिजवाने का वादा किया। इसके साथ ही दक्षिण कोरिया ने 20 लाख करोड़ डॉलर की मदद का ऐलान किया है।