वाशिंगटन, वाईबीएन नेटवर्क।
दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद से डोनाल्ड ट्रंप एक के बाद एक बड़े फैसले ले रहे हैं, और दुनिया को चौंका रहे हैं। अब उन्होंने एक और बड़ा फैसला लिया है, जिससे पूरे दुनिया में खलबली मच गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया के सभी देशों के लिए मदद का दरवाजा पूरी तरह बंद कर दिया है। बता दें विदेश मंत्रालय ने मानवीय खाद्य कार्यक्रमों और इजरायल, मिस्र को मिलने वाली सैन्य सहायता को छोड़कर बाकी दुनियाभर में लगभग सभी विदेशी सहायता कार्यक्रमों को दी जाने वाली आर्थिक मदद पर रोक लगा दी है।
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सरकारी खर्च पर रोक
मंत्रालय द्वारा जारी इस आदेश के से जाहिर होता है कि ट्रंप उन सहायता कार्यक्रमों को समाप्त करने की शुरुआत कर रहे हैं, जिन्हें वो अमेरिकी हित में नहीं मानते। दुनिया भर में अमेरिकी दूतावासों को आदेश देकर सभी सरकारी खर्च पर रोक लगा दी गई है। मौजूदा कार्यक्रम तभी तक जारी रहेंगे जब तक उनके पास पूर्व में जारी धनराशि उपलब्ध रहेगी। इस आदेश के बाद से दुनिया भर में स्वास्थ्य, शिक्षा, विकास, रोजगार प्रशिक्षण से जुड़ी अनगिनत परियोजनाएं रुक सकती है। बता दें अमेरिका इन विदेशी परियोजनाओं के लिए सबसे ज्यादा मदद मुहैया कराता है।
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इजरायल और इजिप्ट को मिलती रहेगी मदद
बता दें इजरायल और इजिप्ट के लिए ट्रंप ने मदद का दरवाजा बंद नहीं किया है। उन्हें मिलिट्री मदद और इमरजेंसी सहायता मिलती रहेगी। बाकी देशों को दी जाने वाली युद्ध से लेकर अन्य गैर-जरूरी नई सहायताओं पर रोक लगा दी गई है। इस रोक के दौरान विदेश मंत्रालय इस बात की समीक्षा करेगा कि अमेरिकी सहायता से चलने वाले हजारों कार्यक्रमों में से कौन से कार्यक्रम जारी रखे जा सकते हैं। शुक्रवार के आदेश ने मानवीय अधिकारियों को विशेष रूप से निराश किया, क्योंकि इसमें स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों और अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों को नयी वित्तपोषण रोक से बचाने के लिए कोई छूट नहीं दी गई है।
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अप्रवासियों से पैदा होने वाले बच्चों को अमेरिकी नागरिकता नहीं
डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के 47 वें राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण करने के मात्र चार दिन के भीतर ही देश ने सैन्य विमानों का उपयोग करते हुए अवैध अप्रवासियों के लिए निर्वासन उड़ानें शुरू कर दीं। अवैध आप्रवासियों का सामूहिक निर्वासन ट्रंप के प्रचार अभियान के प्रमुख चुनावी वादों में से एक रहा है। इसके तहत, ट्रंप ने शासकीय आदेश पर भी हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें सूचना जारी की गई है कि भविष्य में बिना दस्तावेज वाले अप्रवासियों से पैदा होने वाले बच्चों को नागरिक नहीं माना जाएगा।