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नाटो और क्रीमिया को भूल जाएं जेलेंस्की, यूएस प्रेसिडेंट का साफ संदेश | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
वाशिंगटन, वाईबीएन डेस्क। अमेरिका ने भारत से आयातित वस्तुओं पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की औपचारिक अधिसूचना जारी कर दी है। यह नया टैरिफ 27 अगस्त, से प्रभावी होगा। यानी अब से 30 घंटे से भी कम समय में यह लागू हो जाएगा। अमेरिका का कहना है कि उसने यह कदम भारत के रूस से तेल खरीदने के जवाब में उठाया है। इसके साथ ही भारत में 50 फीसदी टैरिफ लागू होगा। टैरिफ की यह दर ब्राजील के समान और अन्य एशियाई देशों की तुलना में काफी अधिक है। खासतौर पर पाकिस्तान और बांग्लादेश की तुलना में यह अधिक है।
पीएमओ में बैठक
हालांकि भारत ने इस पर काफी कड़ा रुख अख्तियार किया है और कठोर कदम उठाए हैं। भारत के ऊपर अमेरिकी टैरिफ की नई दरें 50 प्रतिशत 27 अगस्त से प्रभावी हो जाएंगी। इसमें 25 प्रतिशत बेस टैरिफ पहले से लागू है, जबकि 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ रूस से सस्ते दाम पर तेल खरीदने के वजह से भारत के ऊपर पैनल्टी के तौर पर लगाया गया है।मीडिया रिपोर्ट्सके अनुसार अमेरिकी हाई टैरिफ के प्रभाव का आकलन करने और उसको लेकर कदमों की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से मंगलवार को उच्चस्तरीय बैठक होने जा रही है। इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी कर सकते हैं।
कुछ क्षेत्रों पर ही पड़ेगा असर
हालांकि, फार्मास्यूटिकल्स, सेमीकंडक्टर्स, और ऊर्जा संसाधनों जैसे कुछ क्षेत्रों को इस टैरिफ से छूट दी गई है। भारत के 87 बिलियन डॉलर के अमेरिकी निर्यात जो देश की कुल जीडीपी का 2.5 प्रतिशत है, इस पर टैरिफ का प्रतिकूल असर पड़ेगा। कपड़ा, रत्न, आभूषण. चमड़ा, समुद्री उत्पाद, रसायन और ऑटो पार्ट्स जैसे क्षेत्र सर्वाधिक प्रभावित होंगे।
अमेरिकी टैरिफ पर भारत की प्रतिक्रिया
भारत के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ को अनुचित और अन्यायपूर्ण करार दिया है। मंत्रालय ने कहा है कि भारत अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं और राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखकर ही रूस से तेलआयात कर रहा है। जिसे अमेरिका ने ही पहले ग्लोबल एनर्जी मार्केट की स्थिरता के लिए प्रोत्साहित किया है। भारत सरकार अमेरिका पर जबावी टैरिफ लगाने की बजाय कूटनीतिक बातचीत का रास्ता निकाल रही है।
आर्थिक जगत टैरिफ वार को लेकर चिंतित
हलांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के 25% अतिरिक्त टैरिफ थोपे जाने से आर्थिक जगत में थोड़ी बहुत चिंताएं भी हैं। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस कदम से वित्त वर्ष 2026 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर में 0.4% तक की गिरावट आ सकती है। बैंक ऑफ बड़ौदा की अर्थशास्त्र विशेषज्ञ सोनल बधान ने एएनआई को बताया, "हमने शुरुआत में अमेरिका द्वारा लगाए गए 25-26% टैरिफ के कारण जीडीपी वृद्धि पर लगभग 0.2% प्रभाव का अनुमान लगाया था। अतिरिक्त 25% बढ़ोतरी 21 दिनों के बाद लागू होगी। इस दौरान या आने वाले महीनों में, कम दरों पर बातचीत होने की संभावना है।"
हमारे विकास पूर्वानुमान में गिरावट की आंशका
उन्होंने आगे कहा कि अंतिम व्यापार समझौते के आधार पर, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि पर इसका समग्र प्रभाव 0.2-0.4% के बीच रह सकता है। जिन क्षेत्रों पर इसका असर पड़ने की आशंका है, उनमें वस्त्र, कीमती पत्थर, इलेक्ट्रॉनिक्स, दवाइयाँ, ऑटो पार्ट्स और एमएसएमई शामिल हैं। उन्होंने कहा, "यदि कम दरों पर बातचीत नहीं की जाती है तो 6.4-6.6% के हमारे विकास पूर्वानुमान में गिरावट का जोखिम प्रतीत होता है।" टैरिफ वृद्धि ने भारतीय निर्यातकों और व्यापार विशेषज्ञों के बीच गंभीर चिंताएँ पैदा कर दी हैं। इस कदम के साथ, भारतीय वस्तुओं पर कुल अमेरिकी आयात शुल्क 50% तक पहुँच गया है, जिससे अमेरिकी बाजार में भारतीय निर्यात काफी महंगा हो गया है।: trump | Donald Trump Claims | donald trump news | Donald Trump India tax | Donald Trump India Policy | donald trump on india | donald trump on india tariffs