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रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार ।
मॉस्को, वाईबीएन डेस्क। अमेरिका के अतिरिक्त 20 प्रतिशत टैरिफ की समय सीमा नजदीक आने के दौरान ही रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार ने कहा है कि भारतीय कंपनियां जहां भी उन्हें 'सबसे अच्छा सौदा' मिलेगा, वहां से तेल खरीदना जारी रखेंगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नई दिल्ली अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने वाले कदम उठाना जारी रखेगी।
भारत के हित सर्वोपरि हैं और भारत किसी भी तरह के दबाव में आकर कोई कदम नहीं उठाता है। उनकी यह टिप्पणी डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ को दोगुना कर 50 प्रतिशत करने के संबंध में आई है।
प्राथमिकता देश के 1.4 अरब लोगों की जरूरत
रूस की सरकारी समाचार एजेंसी टीएएसएस को दिए एक विशेष साक्षात्कार में विनयकुमार ने कहा कि नई दिल्ली की प्राथमिकता देश के 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना है। उनकी यह टिप्पणी अमेरिका द्वारा भारत पर रियायती दरों पर रूसी कच्चे तेल की खरीद की आलोचना के बीच आई है, जिसे भारत ने दृढ़तापूर्वक खारिज कर दिया है।
व्यापार व्यावसायिक आधार पर होता है
उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कि व्यापार व्यावसायिक आधार पर होता है कुमार ने कहा, 'भारतीय कंपनियां जहाँ कहीं भी उन्हें सबसे अच्छा सौदा मिलेगा, वहाँ से खरीदारी जारी रखेंगी। उनकी यह टिप्पणी डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ को दोगुना कर 50 प्रतिशत करने के संबंध में आई है। इसमें रूस से कच्चे तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ भी शामिल है।
अमेरिका ने आरोप लगाया है कि भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद से यूक्रेन में रूसी हमले को आर्थिक मदद पहुंचाई जा रही है। हालांकि भारत ने इस आरोप को दृढ़तापूर्वक खारिज कर दिया है।
अमेरिका के निर्णय को अनुचित करार दिया
अमेरिका के निर्णय को अनुचित और अन्यायपूर्ण बताते हुए कुमार ने कहा कि भारत सरकार ऐसे उपाय करना जारी रखेगी जो देश के राष्ट्रीय हितों की रक्षा करेंगे। भारत का कहना है कि रूस सहित अन्य देशों से उसकी ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हित और बाजार की गतिशीलता से प्रेरित है। राजदूत विनय ने स्पष्ट किया कि भारत और रूस के बीच व्यापार बाजार आधारित और आपसी हितों पर है।
उन्होंने कहा कि यह भारत के 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के समग्र उद्देश्य के साथ किया जाता है. उन्होंने कहा, 'अमेरिका सहित यूरोप के अन्य देश भी रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं।'
इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कच्चे तेल के मुद्दे पर भारत की अमेरिकी आलोचना पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, 'यह हास्यास्पद है कि जो लोग व्यापार समर्थक अमेरिकी प्रशासन के लिए काम करते हैं, वे अन्य लोगों पर व्यापार करने का आरोप लगाते हैं।' Russia India oil deal | Russia India trade | Russia India US Relations | Indian ambassador Russia