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नई दिल्ली, वाईबीएन न्यूज। वाणिज्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत का व्यापार घाटा कम हुआ है। बड़ी बात यह है कि ऐसा अमेरिकी टैरिफ चुनौतियों के बीच संभव हो सका है। यह सरकार की बेहतर व्यापार नीतियों का ही परिणाम है कि अगस्त 2025 में व्यापार घाटा घटकर 26.49 अरब डॉलर रह गया है, जो जुलाई में 27.35 अरब डॉलर था। मतलब साफ है, अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत के निर्यातकों ने बेहतर प्रदर्शन किया।
आयात कम करने से हुआ यह करिश्मा
व्यापार को लेकर चल रहीं वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत का आयात कम हुआ है और यही कारण है कि अमेरिकी टैरिफ चुनौतियों के बीच भी भारत अपना व्यापार घाटा कम करने में कामयाब रहा। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में भारत का निर्यात 35.1 अरब डॉलर रहा, जबकि जुलाई में यह 37.24 अरब डॉलर था। वहीं, आयात 61.59 अरब डॉलर दर्ज हुआ, जो जुलाई के 64.59 अरब डॉलर से कम है।
“सरकार की नीतियों से निर्यातकों को मजबूती मिली”
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद सरकार की नीतियों से भारतीय निर्यातकों को मजबूती मिली है। इसी बीच केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आश्वासन दिया कि सरकार निर्यातकों को टैरिफ चुनौतियों से निपटने के लिए अनुकूल माहौल प्रदान कर रही है।सरकार ने निर्यातकों को बड़ी राहत देते हुए क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर्स के तहत आने वाले उत्पादों के लिए एक्सपोर्ट ऑब्लिगेशन पीरियड छह महीने से बढ़ाकर 18 महीने कर दिया है। यह कदम विशेष रूप से रसायन और पेट्रोरसायन क्षेत्र के लिए अहम माना जा रहा है।
भारत के रसायन और पेट्रोरसायन ने बढ़ाई प्रतिस्पर्धा
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 2024-25 में भारत के रसायन और पेट्रोरसायन निर्यात 46.4 बिलियन डॉलर तक पहुंचे, जो कुल निर्यात का 10.6% है। सरकार का कहना है कि यह कदम वैश्विक बाजार में भारतीय वस्तुओं की प्रतिस्पर्धा को और बढ़ाएगा।अमेरिका में आयात शुल्क बढ़ाए जाने और भारत पर रूसी तेल आयात पर 50% टैरिफ लगाए जाने के बीच यह राहत निर्यातकों को मजबूती देने वाला फैसला है।
US tariffs | india trade policy
Input: IANS