Advertisment

नेपाल के पूर्व पीएम KP Oli ने कहा– षड्यंत्रकारियों ने युवाओं की जान ली : जांच की मांग

पूर्व पीएम केपी ओली ने नेपाल में जेन-जी विरोध प्रदर्शन में गोली चलाने का आदेश न देने का दावा किया, पुलिस के पास ऑटोमैटिक हथियार नहीं थे, उन्होंने स्वतंत्र जांच की मांग की, 8 सितंबर की हिंसा में 19 लोग मारे गए, ओली ने विरोध प्रदर्शनों को षड्यंत्र बताया,

author-image
Ranjana Sharma
Manali (41)

काठमांडू, वाईबीएन डेस्‍क : नेपाल में 8 सितंबर को जेन-जी के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई गोलीबारी में 19 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में पूर्व प्रधानमंत्री केपी ओली ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा है कि न तो पुलिस के पास ऑटोमैटिक हथियार थे और न ही उनकी सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का कोई आदेश दिया था। इसके साथ ही उन्होंने इस घटना की स्वतंत्र जांच की मांग भी उठाई है।

षड्यंत्रकारियों द्वारा की गई हिंसा में युवाओं की मौत हुई

नेपाल में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद 9 सितंबर को केपी ओली ने प्रधानमंत्री ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। पूर्व प्रधानमंत्री ने दावा किया कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान घुसपैठ करने वाले षड्यंत्रकारियों द्वारा की गई हिंसा में युवाओं की मौत हुई। पिछले आंदोलनों में कभी एक ही दिन में इतनी बड़ी संख्या में लोग नहीं मारे गए थे। पुलिस के अनुसार जेन-जी के विरोध प्रदर्शनों में कम से कम 72 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। मारे गए लोगों में वे भी शामिल हैं जो भीड़ द्वारा जलाए गए भाटभटेनी सुपरमार्केट में मृत पाए गए थे।

साजिश के तहत जलाए गए सरकारी दफ्तर 

केपी ओली का कहना है कि हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान सरकार के मुख्य प्रशासनिक केंद्र सिंह दरबार, संसदीय भवन, सुप्रीम कोर्ट भवन और अन्य कोर्ट परिसरों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, राजनीतिक दलों के कार्यालयों में हुई आगजनी के पीछे का कारण साजिश है। काठमांडू से लगभग चार किलोमीटर दूर भक्तपुर के बालकोट इलाके में स्थित ओली का घर भी आगजनी की अपेत में आ गया था। इसके अलावा शेर बहादुर देउबा, पुष्प कमल दहल उर्फ ​​प्रचंड और झालनाथ खनल सहित अन्य पूर्व प्रधानमंत्रियों के घरों को भी निशाना बनाया गया था। हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद केपी ओली नेपाल सेना के सुरक्षा घेरे में थे। उन्होंने गुरुवार को सेना की सुरक्षा छोड़ दी और काठमांडू से लगभग 12 किलोमीटर दूर भक्तपुर के गुंडू इलाके में किराए के मकान में रहने चले गए।

नेपाल में नई सरकार का हुआ गठन 

ओली को अपनी सरकार में नेपाल को पतन की ओर ले जाने के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। आलोचकों का कहना है कि अपने प्रधानमंत्रित्व काल में ओली ने हमेशा यह छवि पेश करने की कोशिश की कि देश समृद्धि की राह पर है, हालांकि इस दौरान कई घोटाले सामने आए। ओली के इस्तीफे के बाद नेपाल में पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है, जिसे छह महीने के भीतर संसदीय चुनाव कराने का दायित्व सौंपा गया है। प्रतिनिधि सभा के आगामी चुनाव के लिए 5 मार्च तारीख निर्धारित की गई है।

इनपुट-आईएएनएस

KP Oli Dubai Nepal Violence Nepal violence impact
Advertisment
Advertisment