लंदन/ढाका/ नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। India-Bangladesh tension: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने लंदन में भारत के खिलाफ खुलकर नाराजगी जाहिर की। चैथम हाउस में एक कार्यक्रम के दौरान यूनुस ने दावा किया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया था कि वे शेख हसीना को बोलने से रोकें, लेकिन पीएम मोदी ने सोशल मीडिया का हवाला देकर ऐसा करने से इंकार कर दिया।
यूनुस की पूरी बात जानिए
यूनुस ने कहा, “मैंने प्रधानमंत्री मोदी से स्पष्ट कहा कि यदि आप उन्हें शरण देना चाहते हैं तो दें, लेकिन उन्हें बांग्लादेशी जनता को भड़काने से रोका जाना चाहिए। मगर भारत ने मेरी बात नहीं मानी। अब मैं और क्या कह सकता हूं? यह एक विस्फोटक स्थिति है और आप इसे 'सोशल मीडिया' कहकर पल्ला नहीं झाड़ सकते।”
भारत-बांग्लादेश रिश्तों में तनाव
India vs Bangladesh: यूनुस का यह बयान ऐसे समय आया है जब जनवरी 2025 में शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद भारत और
बांग्लादेश के संबंधों में तनाव लगातार बना हुआ है।
हसीना इस समय भारत में शरण लिए हुए हैं।
मई, 2025 में यूनुस सरकार ने उनकी पार्टी, आवामी लीग पर भ्रष्टाचार और तानाशाही के आरोप लगाकर प्रतिबंध लगा दिया था।
2024 के छात्र आंदोलनों पर कार्रवाई के मामले में शेख हसीना और अन्य नेताओं पर जनसंहार के आरोप भी दर्ज हैं।
सोशल मीडिया और 'फेक न्यूज' पर यूनुस की नाराजगी
यूनुस ने कहा, “हम भारत के साथ मजबूत रिश्ते बनाना चाहते हैं, लेकिन हर बार कुछ न कुछ गलत हो जाता है। इसका सबसे बड़ा कारण है फेक न्यूज।"उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय मीडिया में जो झूठ फैलाया जा रहा है, उसमें कुछ नीति-निर्माताओं की भी भूमिका हो सकती है। यूनुस ने कहा- ये खबरें बांग्लादेश की जनता को भड़काती हैं और हमारे लिए स्थितियां तनावपूर्ण बनाती हैं।
अप्रैल 2026 में होंगे आम चुनाव
यूनुस ने एलान किया कि
बांग्लादेश में अगला आम चुनाव अप्रैल 2026 में कराया जाएगा। उन्होंने बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNIP) की जल्दी चुनाव की मांग को खारिज करते हुए कहा- हम इतिहास का सबसे पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव कराने जा रहे हैं।
साथ ही उन्होंने कहा कि आवामी लीग अब कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है, क्योंकि उसके कार्यकर्ताओं ने "युवाओं की हत्या, जबरन गुमशुदगी और धन की लूट" जैसे अपराध किए हैं।
लंदन में विरोध प्रदर्शन
लंदन में यूनुस के कार्यक्रम के बाहर प्रदर्शनकारियों ने 'यूनुस तानाशाह है' जैसे नारे लगाए। एक पोस्टर में लिखा गया- "यूनुस आतंकवादी"।प्रदर्शनकारियों ने पूर्व ISKCON भिक्षु चिन्मय प्रभु की रिहाई की मांग भी उठाई। यूनुस सरकार पर विपक्ष की आवाजें दबाने और लोकतांत्रिक संस्थानों को कमजोर करने के आरोप भी लग रहे हैं।