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नेपाल में धीरे-धीरे सामान्य हालात पटरी पर लौटे, हिंसा रोकने के लिए सेना के हवाले हिमालयी देश

नेपाल में हिंसा की कोई ताजा घटना सामने नहीं आई है। इससे सामान्य स्थिति बहाल होती नजर आई। इस बीच, सैनिकों को देश में कानून-व्यवस्था कायम करने और आंदोलन की आड़ में संभावित हिंसा को रोकने के लिए सड़कों पर गश्त करते देखा गया। 

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Mukesh Pandit
Nepali army soldiers patrol

Nepali army soldiers patrol at the road near the Singha Durbar office complex in Kathmandu साभार एपी

काठमांडू, वाईबीएन डेस्क। नेपाल में हिंसा की कोई ताजा घटना सामने नहीं आई है। इससे सामान्य स्थिति बहाल होती नजर आई। इस बीच, सैनिकों को देश में कानून-व्यवस्था कायम करने और आंदोलन की आड़ में संभावित हिंसा को रोकने के लिए सड़कों पर गश्त करते देखा गया। इस बीच दुखद खबर है कि  हिंसा के दौरान झुलसीं पूर्व प्रधानमंत्री झाला नाथ खनल की पत्नी राज लक्ष्मी चित्राकर  की हालत गंभीर है और अस्पताल में उनका इलाज किया जा रहा है। मंगलवार को काठमांडू के दल्लू इलाके में खनल के आवास को भीड़ ने आग लगा दी थी। उधर, देश की पूर्व प्रधान न्यायाधीश सुशीला कार्की, काठमांडू के महापौर बालेंद्र शाह और बिजली बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कुलमन घीसिंग का नाम उन लोगों में शामिल है, जिन पर अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए विचार चल रहा है। 

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सेना ने देशव्यापी प्रतिबंधात्मक आदेश लागू किए 

काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षा अभियानों की कमान संभालने वाली सेना ने देशव्यापी प्रतिबंधात्मक आदेश लागू किए और फिर बृहस्पतिवार सुबह छह बजे तक के लिए कर्फ्यू लगा दिया। सैनिकों ने सड़कों पर पहरा दिया और लोगों को घर पर ही रहने का आदेश जारी किया, जिससे नेपाल की राजधानी काठमांडू में सन्नाटा पसरा रहा। इससे एक दिन पहले प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास, सरकारी भवनों, उच्चतम न्यायालय, राजनीतिक दलों के कार्यालयों और वरिष्ठ नेताओं के घरों में आग लगा दी थी। हालांकि, बुधवार को हिंसा की कोई नई खबर नहीं आई। सेना ने कहा कि प्रदर्शन की आड़ में लूटपाट, आगजनी और अन्य विनाशकारी गतिविधियों की संभावित घटनाओं को रोकने के लिए ये उपाय जरूरी हैं। 

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KP Sharma Oli
KP Sharma Oli

अपदस्थ पीएम ओली की भारत पर खीझ

नेपाल में मंगलवार को सरकार विरोधी प्रदर्शनों के हिंसक होने के बीच केपी शर्मा ओली ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। अपदस्त पीएम ओली ने आरोप लगाया है कि नेपाल की हिंसा के पीछे बड़ी राजनीतिक साजिश है। उन्होंने भारत को लेकर भी टिप्पणी की और भारत के प्रतिकूल बयान देकर आरोप लगाया है कि लिपुलेख जैसे मुद्दे उठाने की वजह से भी उन्हें निशाना बनाया गया, हालांकि भारत ने उनके इस बयान पर किसी भी तरह की प्रतिक्रिया अब तक नहीं दी है। 

इनको नेतृत्व सौंपने पर विचार-विमर्श

-वसूत्रों ने बुधवार को बताया कि अंतरिम सरकार के नेतृत्व के लिए समूह जिन नामों पर विचार कर रहा है, उनमें पूर्व प्रधान न्यायाधीश सुशीला कार्की, काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह और बिजली बोर्ड के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) कुलमन घीसिंग के नाम शामिल हैं। कार्की नेपाल के उच्चतम न्यायालय की प्रधान न्यायाधीश के रूप में सेवाएं देने वाली एकमात्र महिला हैं। नेपाली कांग्रेस (एनसी) के महासचिव गगन थापा और विश्व प्रकाश शर्मा ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि वे ‘जेन जेड’ समूह के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कोई भी फैसला संवैधानिक और कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए लिया जाना चाहिए। 

अराजकता केवल अराजकता को ही बढ़ावा देती है

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बयान के मुताबिक, “अराजकता केवल अराजकता को ही बढ़ावा देती है। इसलिए, हम राष्ट्रपति और जेन जेड के प्रतिनिधियों से आग्रह करते हैं कि वे चर्चा के दौरान यह सुनिश्चित करें कि शासन और चुनावों के लिए एक नया राजनीतिक ढांचा बनाया जाए, जिससे लंबे समय तक संवैधानिक शून्यता या अस्थिरता पैदा न हो। नेपाली सेना ने “देश में मौजूदा स्थिति के कारण फंसे विदेशी नागरिकों से कहा कि वे बचाव या किसी अन्य सहायता के लिए निकटतम सुरक्षा चौकी या कर्मियों से संपर्क करें। सेना ने होटलों, पर्यटन उद्यमियों और संबंधित एजेंसियों से अनुरोध किया कि वे जरूरतमंद विदेशी नागरिकों को आवश्यक सहायता प्रदान करें। स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्रालय के मुताबिक, पिछले दो दिनों में ‘जेन जेड’ समूह के नेतृत्व में हुए हिंसक विरोध-प्रदर्शनों में मरने वालों की संख्या बुधवार को बढ़कर 30 हो गई। जारी बयान में मंत्रालय ने बताया कि 1,061 लोग घायल हुए हैं। 

 देशभर की विभिन्न जेलों से 7,000 से अधिक कैदी भागे

मीडिया में आई खबरों के अनुसार, पश्चिमी नेपाल की एक जेल में सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प के दौरान कम से कम पांच किशोर कैदियों की मौत हो गई, जबकि हिंसक सरकार विरोधी-प्रदर्शनों के दौरान देशभर की विभिन्न जेलों से 7,000 से अधिक कैदी भाग गए। खबरों में कहा गया है कि कैदियों ने विरोध-प्रदर्शनों का फायदा उठाया और जेलों से भागने की कोशिश की, जिसके परिणामस्वरूप मंगलवार को कई जेलों में झड़पें हुईं।

समाचार पत्र ‘माई रिपब्लिका’ ने गृह मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया कि दिल्लीबाजार जेल से 1,100, चितवन से 700, नक्खू से 1,200, झुम्पका से 1,575, कंचनपुर से 450, कैलाली से 612, जलेश्वर से 576, कास्की से 773, डांग से 124, जुमला से 36, सोलुखुम्बु से 86, गौर से 260 और बझांग से 65 कैदियों के भागने की सूचना मिली है। सुबह से ही काठमांडू की चहल-पहल वाली सड़कें वीरान दिखीं।

पूर्व प्रधानमंत्री खनल की पत्नी की हालत गंभीर 

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नेपाल में हिंसा के दौरान झुलसीं पूर्व प्रधानमंत्री झाला नाथ खनल की पत्नी राज लक्ष्मी चित्राकर की हालत गंभीर है और अस्पताल में उनका इलाज किया जा रहा है। बता दें कि मंगलवार को काठमांडू के दल्लू इलाके में खनल के आवास को भीड़ ने आग लगा दी थी। आवास के अंदर फंसी चित्राकर गंभीर रूप से झुलस गई थीं। मंगलवार को कुछ नेपाली मीडिया संस्थानों ने खबर चला दी कि अस्पताल में उनकी मौत हो गई है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी थी। हालांकि, काठमांडू पोस्ट अखबार ने बुधवार को बताया कि चित्राकर की हालत स्थिर लेकिन गंभीर है। चित्राकर को गंभीर हालत में कीर्तिपुर अस्पताल ले जाया गया था। अस्पताल की निदेशक डॉ. किरण नकर्मी ने कहा, "उनकी हालत गंभीर है और इलाज के लिए लाए जाने के समय जैसी थी, वैसी ही है।”  Nepal Border News | Nepal news | nepal protests | Nepal Protests 2025 n

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