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वारसॉ/मिन्स्क, वाईबीएन डेस्क: पोलैंड ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए बेलारूस से लगी अपनी सीमा को पूरी तरह सील करने का ऐलान किया है। पीएम डोनाल्ड टस्क ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि यह निर्णय गुरुवार आधी रात से लागू होगा जिसमें सभी सीमा चौकियों के साथ-साथ रेलवे क्रॉसिंग भी शामिल हैं। पीएम टस्क ने एक सरकारी बैठक से पहले कहा कि हम बेलारूस से लगी सीमा को पूरी तरह बंद करने जा रहे हैं, इसमें रेलवे मार्ग भी शामिल हैं। यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से उठाया जा रहा है। पोलिश प्रेस एजेंसी PAP के अनुसार यह बंदी सभी प्रकार की आवाजाही, विशेष रूप से माल और यात्री रेल परिवहन पर लागू होगी।
बेलारूस ने जताया कड़ा विरोध, राजनयिक तलब
पोलैंड के इस फैसले पर बेलारूस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। मिन्स्क स्थित बेलारूसी विदेश मंत्रालय ने पोलैंड के प्रभारी राजदूत क्रिज्सटॉफ ओजाना को तलब कर औपचारिक विरोध दर्ज कराया है। मंत्रालय ने चेतावनी दी कि इस कदम का असर सिर्फ पोलैंड और बेलारूस पर नहीं, बल्कि पूरे यूरोपीय संघ-बेलारूस सीमा क्षेत्र पर पड़ेगा। मंत्रालय के मुताबिक यह प्रतिबंध लोगों और सामानों की आवाजाही को बाधित करेगा और इससे क्षेत्रीय तनाव और बढ़ सकता है।
जापद-2025 सैन्य अभ्यास बना वजह?
यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब बेलारूस और रूस संयुक्त रूप से जापद-2025 नामक सैन्य अभ्यास की तैयारी कर रहे हैं। पोलैंड ने इस अभ्यास को अपनी सुरक्षा के लिए खतरा मानते हुए अतिरिक्त सतर्कता बरती है। इसी बीच अमेरिका और पोलैंड के बीच सैन्य सहयोग और गहरा होता दिख रहा है। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पोलैंड के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति करोल नवरोकी के बीच हुई बैठक में ट्रंप ने पोलैंड की सुरक्षा में सहायता का आश्वासन दिया। ट्रंप ने कहा कि अगर पोलैंड चाहेगा तो हम वहां और अधिक अमेरिकी सैनिक तैनात करेंगे। नवरोकी ने इस पर आभार जताते हुए कहा कि अमेरिका के साथ यह सहयोग पोलैंड की सुरक्षा और स्थिरता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
एफ-35 फाइटर जेट्स की डील को मिली मंजूरी
अमेरिका और पोलैंड के बीच सैन्य साझेदारी को और मजबूती देते हुए अगस्त में अमेरिकी विदेश विभाग ने पोलैंड को F-35 लड़ाकू विमानों के रखरखाव, लॉजिस्टिक्स और सपोर्ट सिस्टम की बिक्री को मंजूरी दी थी। इस डील की अनुमानित कीमत 1.85 अरब डॉलर बताई गई है, जिसकी जिम्मेदारी जनरल इलेक्ट्रिक एयरोस्पेस को सौंपी गई है।पेंटागन की रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी (DSCA) ने कहा है कि यह सौदा अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा लक्ष्यों के अनुरूप है, और यह नाटो सहयोगियों की रक्षा क्षमता बढ़ाने में मदद करेगा।
इनपुट- आईएएनएस