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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: वर्तमान में दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में जनता का सत्ता के खिलाफ गुस्सा खुलकर सामने आया है। चाहे वह नेपाल की राजनीतिक अस्थिरता हो या फ्रांस में सरकार की नीतियों के खिलाफ जनाक्रोश हर जगह आम लोग अपने हक और आवाज के लिए आंदोलन कर रहे हैं।बुधवार को प्रदर्शनकारियों ने फ्रांस में सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने यातायात को बाधित किया, कूड़ेदान जलाए और कई बार पुलिस के साथ भिड़ंत भी की। उनका मकसद राजनीतिक नेतृत्व और बजट कटौती की योजनाओं के खिलाफ सब कुछ अवरुद्ध करना था। अधिकारियों ने बताया कि देश भर में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं ताकि किसी भी अवरोध को जल्द से जल्द हटाया जा सके जिससे फिलहाल फ्रांस में व्यापक ब्लॉकेज नहीं हुआ। दर्जनों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया और पुलिस के साथ झड़पें भी हुईं।
असली समस्या मैक्रों हैं मंत्री नहीं
ये प्रदर्शन राजनीतिक संकट के बीच तब हुआ जब संसद ने पीएम फ्रांस्वा बायरू को देश के बढ़ते कर्ज पर नियंत्रण के उनके प्रस्ताव के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के बाद पद से हटा दिया था। इसके बाद मंगलवार को राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अपने करीबी सहयोगी सेबेस्टियन लेकोर्नू को पांचवां पीएम नियुक्त किया जिससे वामपंथी राजनीतिक दलों में नाराजगी फैल गई। पेरिस में दमकलकर्मियों ने छात्रों द्वारा हाई स्कूल के पास लगाए गए बैरिकेड से जलाए गए सामान को हटाया। पुलिस के अनुसार अब तक पेरिस में 132 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि यह वही पुरानी समस्या है असली
मैक्रों के इस्तीफे की मांग
ब्लॉक इव्रीथिंग आंदोलन जिसमें कोई केंद्रीकृत नेतृत्व नहीं है और जो सोशल मीडिया के माध्यम से संगठित है मई में दक्षिणपंथी समूहों के बीच शुरू हुआ था, लेकिन अब इसे वामपंथी और अति-वामपंथी भी अपना रहे हैं। पश्चिमी शहर नैंटेस में प्रदर्शनकारियों ने जलते टायर और कूड़ेदानों से राजमार्ग बंद कर दिया। पुलिस ने गोलचक्कर पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया। मोंटपेलियर में भी पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई, जहां एक प्रदर्शनकारी ने मैक्रों इस्तीफा दो लिखा बैनर पकड़ा था।
ईंधन की बढ़ी कीमतों को लेकर शुरू हुआ था विरोध
देश के कई हिस्सों में, जैसे मार्सिले, मोंटपेलियर, नैंटेस और ल्यों में राजमार्गों पर विरोध प्रदर्शन और यातायात बाधाएं देखी गईं। ब्लॉक इव्रीथिंग आंदोलन लोगों की उस असंतोष की अभिव्यक्ति है जो वे निकम्मे शासकों द्वारा लगाए जा रहे कड़े आर्थिक कदमों के कारण महसूस कर रहे हैं। इस आंदोलन की तुलना 2018 के येलो वेस्ट प्रदर्शनों से की जा रही है, जो शुरुआत में ईंधन की बढ़ी कीमतों के विरोध में शुरू हुआ था लेकिन बाद में मैक्रों की आर्थिक नीतियों के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन में बदल गया।
ट्रेन सेवा रहीप्रभावित
आंतरिक मंत्री ब्रूनो रिटेलेउ ने बताया कि लगभग 50 नकाबपोश लोगों ने बोर्डो में सड़कें अवरुद्ध करने की कोशिश की, जबकि टूलूज में लगी आग को जल्दी बुझा दिया गया, लेकिन ट्रेन सेवा प्रभावित रही। उन्होंने कहा कि पूरे देश में 80,000 सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं, जिनमें से 6,000 पेरिस में थे। फ्रांसीसी मीडिया के मुताबिक, लगभग एक लाख लोग इन प्रदर्शनों में हिस्सा लेने की उम्मीद थी।
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