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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।पाकिस्तान की संसद ने बहुचर्चित 27वां संविधान संशोधन विधेयक पारित कर दिया है, जिसके बाद सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर का कद अब पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गया है। इस संशोधन के तहत सेना प्रमुख को तीनों सेनाओं—थलसेना, वायुसेना और नौसेना—का सर्वोच्च कमांडर बना दिया गया है। नए कानून के अनुसार, इन बदलावों को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की मंजूरी से लागू किया जाएगा। विश्लेषकों का कहना है कि यह कदम सेना प्रमुख को “सुपरपावर” जैसी स्थिति में पहुंचा देगा, जो तख्तापलट को संवैधानिक वैधता देने जैसा है।
संविधान के अनुच्छेद 243 में संशोधन
यह संशोधन संविधान के आर्टिकल 243 में किया गया है, जो सशस्त्र बलों की संरचना और नेतृत्व से संबंधित है। अब राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की सलाह पर सेना प्रमुख और रक्षा बल प्रमुखों की नियुक्ति करेंगे। नए प्रावधानों के तहत सेना प्रमुख ही रक्षा बलों के प्रमुख होंगे और राष्ट्रीय सामरिक कमान की नियुक्ति भी प्रधानमंत्री से परामर्श के बाद करेंगे।
फील्ड मार्शल पद को मिली संवैधानिक मान्यता
जनरल आसिम मुनीर को पहले ही फील्ड मार्शल का पद दिया जा चुका था। अब इस विधेयक के पारित होने के साथ ही इस पद को संवैधानिक मान्यता मिल गई है। यह पद और इससे जुड़े विशेषाधिकार आजीवन रहेंगे। साथ ही, अब जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (CJCSC) का पद समाप्त कर दिया गया है। पाक कानून मंत्री के मुताबिक, 27 नवंबर के बाद से CJCSC पर कोई नई नियुक्ति नहीं होगी। संविधान संशोधन के बाद सरकार को अब फील्ड मार्शल, मार्शल ऑफ एयर फोर्स और ऐडमिरल ऑफ फ्लीट जैसे उच्च पदों पर पदोन्नति का अधिकार भी मिल गया है।
ऑपरेशन सिंदूर” के बाद पाकिस्तान ने यह बड़ा बदलाव किया
पाकिस्तानी मीडिया का कहना है कि भारत के हालिया ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने यह बड़ा बदलाव किया है। रिपोर्टों के मुताबिक, इस ऑपरेशन में भारतीय हमलों में अमेरिकी एफ-16 सहित 12 पाकिस्तानी सैन्य विमान नष्ट या क्षतिग्रस्त हुए थे। इसके बाद पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का अनुरोध किया और आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत कर दिया।
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