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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: प्यूर्टो रिको में बंद पड़ा एक पुराना अमेरिकी नौसैनिक बेस फिर से सक्रिय किया जा रहा है। करीब 20 साल से निष्क्रिय पड़े इस बेस पर अब निर्माण कार्य जोरों पर है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि मजदूर रनवे तक जाने वाले रास्तों की सफाई कर रहे हैं और उन पर नया कवर बिछा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम वेनेजुएला के खिलाफ संभावित सैन्य तैयारी का संकेत है।
पुराना बेस, नई हलचल
रूजवेल्ट रोड्स नेवल बेस प्यूर्टो रिको के पूर्वी तट पर स्थित है। इसे 1940 के दशक में बनाया गया था और शीत युद्ध के दौरान यह अमेरिका का अहम सैन्य केंद्र रहा। यहां से जहाज, विमान और सैनिकों की तैनाती होती थी। वर्ष 2004 में यह बेस बंद कर दिया गया था और तब से खाली पड़ा था। अब सैटेलाइट तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि टैक्सीवे यानी वे रास्ते जिनसे विमान रनवे तक पहुंचते हैं  की मरम्मत और नई सतह डालने का काम तेजी से चल रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि जिस गति से काम हो रहा है, उससे लगता है कि बेस जल्द ही संचालन के लिए तैयार हो सकता है। अमेरिकी नौसेना ने अभी तक औपचारिक रूप से इस निर्माण कार्य की पुष्टि नहीं की है, लेकिन रिपोर्टों के मुताबिक यह गतिविधियां वेनेजुएला की निगरानी से जुड़ी हो सकती हैं। दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला में लंबे समय से राजनीतिक तनाव जारी है, और अमेरिका राष्ट्रपति निकोलास मादुरो पर तानाशाही का आरोप लगाता रहा है।
नागरिक हवाई अड्डों पर भी विस्तार
सिर्फ सैन्य बेस ही नहीं, बल्कि प्यूर्टो रिको और सेंट क्रॉइक्स द्वीप के नागरिक हवाई अड्डों पर भी नई सुविधाएं जोड़ी जा रही हैं। रनवे लंबे किए जा रहे हैं और स्टोरेज क्षमता बढ़ाई जा रही है। ये दोनों जगहें वेनेजुएला से लगभग 800 किलोमीटर दूर हैं। माना जा रहा है कि आवश्यकता पड़ने पर इन्हें सैन्य विमान संचालन के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिका की इन गतिविधियों से चिंतित होकर राष्ट्रपति मादुरो ने रूस और चीन से सैन्य सहयोग मांगा है। वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट बताती है कि हाल ही में रूस का IL-76 कार्गो विमान वेनेजुएला पहुंचा, जो वैगनर ग्रुप से जुड़ी कंपनी एवियाकॉन जिटोट्रांस का बताया गया। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि विमान में क्या था—हथियार, सैनिक या खुफिया उपकरण—but इससे यह जरूर साफ है कि रूस वेनेजुएला के साथ खड़ा है।
तेल और राजनीति का समीकरण
वेनेजुएला तेल के विशाल भंडार वाला देश है, जो अमेरिका के लिए रणनीतिक रूप से अहम है। वहीं, मादुरो सरकार आर्थिक संकट और लोकतांत्रिक दबावों से जूझ रही है। अमेरिका इसे “लोकतंत्र की बहाली” का प्रयास बता रहा है, जबकि आलोचकों का कहना है कि इसके पीछे तेल और क्षेत्रीय प्रभाव का खेल है। रूस और चीन के बढ़ते हस्तक्षेप तथा अमेरिका की सैन्य तैयारियों से दक्षिण अमेरिका में तनाव बढ़ गया है। संयुक्त राष्ट्र ने आशंका जताई है कि हालात बिगड़े तो क्षेत्र में गंभीर संघर्ष हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, प्यूर्टो रिको का यह बेस अमेरिका के लिए वेनेजुएला की निगरानी और दबाव बनाने का प्रमुख केंद्र बन सकता है। बेस के तैयार होते ही यह साफ हो जाएगा कि अमेरिका की मंशा कितनी गंभीर है।
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