Bangkok earthquake: म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप में अब तक 1,644
से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, मृतकों की संख्या
अभी और बढ़ने की आशंका है।
इस विनाशकारी भूकंप के कारण अस्पतालों में जगह कम पड़ गई है, जिसके चलते सड़कों पर ही घायलों का इलाज किया जा रहा है। भारत ने संकट की इस घड़ी में सबसे पहले मदद के लिए हाथ बढ़ाया है।
राहत सामग्री के साथ एनडीआरएफ की एक्सपर्ट टीम भी म्यांमार पहुंची है। इमारतों के मलबे से शव बरामद हो रहे हैं। देशभर में फोन, बिजली और इंटरनेट सेवाएं ठप होने के कारण सूचनाओं का आदान-प्रदान बाधित है।
भूकंप से बड़े पैमाने पर तबाही
शुक्रवार को आए
earthquake के कारण कई इमारतें जमींदोज हो गईं, जिससे भारी नुकसान हुआ है। म्यांमार पहले से ही लंबे समय से गृहयुद्ध की चपेट में है और वहां पहले ही मानवीय संकट गहरा हुआ है, जिससे राहत और बचाव कार्यों में भारी मुश्किलें आ रही हैं।
थाईलैंड में भी महसूस हुए झटके
म्यांमार के पड़ोसी देश थाईलैंड में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। राजधानी बैंकॉक समेत अन्य क्षेत्रों में धरती हिल गई, जिससे लोग दहशत में आ गए। थाईलैंड में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है, 26 घायल हैं और 47 लोग लापता हैं। बैंकॉक के चतुचक बाजार के पास एक निर्माण स्थल पर भारी तबाही हुई, जहां एक चीनी कंपनी द्वारा बनाई जा रही 33 मंजिला इमारत धराशायी हो गई।
राहत और बचाव कार्य जारी
म्यांमार में भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में खून की सबसे अधिक मांग है। सड़कों पर अस्थायी अस्पताल बनाए गए हैं, जहां घायलों का इलाज किया जा रहा है। राहत सामग्री पहुंच रही है, लेकिन घायलों को संभालना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।
लगातार आ रहे झटके
7.7 तीव्रता के मुख्य भूकंप के बाद म्यांमार में शनिवार शाम तक कम से कम पांच झटके महसूस किए गए, जिनमें सबसे तेज 6.4 तीव्रता का था। लगातार आ रहे झटकों से लोगों में दहशत बनी हुई है। म्यांमार सागाइंग फॉल्ट पर स्थित है, जो इंडिया प्लेट और सुंडा प्लेट को अलग करता है, जिससे यहां भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है।