/young-bharat-news/media/media_files/2025/06/28/trump-brifing-media-2025-06-28-21-20-01.jpg)
वाशिंगटन, वाईबीएन डेस्क। अपने बयानों और फैसलों के लिए इन दिनों दुनियाभर के निशाने पर रहने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को फिर 20 वीं बार दोहराया कि उन्होंने है भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराया। उन्होंने कहा 'जब मैं भारत-पाकिस्तान का समझौता करा रहा था, तब मैंने अपने वित्त मंत्री और कॉमर्स सेक्रेटरी से कहा- भारत और पाकिस्तान के साथ सारे डील रद्द करो', फिर सामने से भारत-पाकिस्तान के नेताओं के कॉल आए, उन्होंने पूछा- हम क्या करें? मैंने कहा- 'वॉर करोगे तो, व्यापार नहीं करेंगे'.. और दोनों मेरी बात मान गए।
बार-बार एक ही बात दोहरा रहे हैं ट्रंप
व्हाइट हाउस में मीडिया को संबोधित करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि दुनिया में युद्ध से कोई रास्ता नहीं निकाला जा सकता। इसलिए पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध भी किसी समस्या का समाधान नहीं है। यह 19 वां मौका है जब ट्रंप ने स्वयं अपने मुंह से दोनों देशों के बीच सीजफायर कराने की बात दोहराई है। हालांकि पिछले दिनों पीएम मोदी ने ट्रंप से फोन पर करीब 35 मिनट बातचीत की थी और बाद में विदेश सचिव मिस्री ने मीडिया के सामने कहा कि पीएम ने दो टूक कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच तीसरी कोई नहीं हो सकता है। हालांकि इसके 10 घंटे बाद ही ट्रंप ने फिर वही राग आलापा और कहा सीजफायर मैंने ही कराया।
विदेश सचिव की बात भी हो रही है झूठी साबित
उल्लेखनीय है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत की विदेश नीति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिससे देश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। ट्रंप ने दावा किया है कि उन्होंने "लड़ाई रुकवा दी, मैंने प्रधानमंत्री मोदी से कल रात बात की, हम जल्द ही ट्रेड डील साइन करने जा रहे हैं। ट्रंप के इस बयान ने जहां मोदी सरकार के प्रचार तंत्र की हवा निकाल दी, वहीं विदेश सचिव द्वारा दी गई टेलीफोनिक बातचीत की आधिकारिक जानकारी को भी सवालों के घेरे में ला दिया है।
क्या ट्रंप के सामने खामोश हैं मोदी?
ट्रंप अपने बयानों को किसी गोपनीय बातचीत का हिस्सा नहीं बना रहे वे इसे खुले मंच से बार-बार दोहरा रहे हैं। ऐसे में केवल विदेश मंत्रालय या प्रवक्ता के माध्यम से प्रतिक्रिया देने की बजाय खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सार्वजनिक रूप से इन दावों का खंडन करना चाहिए। यह सिर्फ एक टेलीफोन कॉल की बात नहीं है यह भारत की गरिमा, नेतृत्व की विश्वसनीयता और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उसकी स्थिति का प्रश्न है।
विपक्ष का हमला
कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी का इस तरह ट्रंप द्वारा बार-बार सार्वजनिक रूप से जिक्र किया जाना और उस पर चुप्पी साध लेना, देश की गरिमा के लिए खतरा है। मोदी सरकार सिर्फ प्रचार में माहिर है, जब असली कूटनीति की परीक्षा आती है, वह चुप्पी साध लेती है।