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Photograph: (Google)
तेहरान /तेलअवीव, वाईबीएन डेस्क: ईरान और इजराइल के बीच सातवें दिन भी हमले जारी हैं। इस बीच अमेरिकी व्हाइट हाउस ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले दो सप्ताह में इस बारे में निर्णय लेंगे कि अमेरिका इजरायल-ईरान संघर्ष में शामिल होगा या नहीं।
ट्रंप के संदेश का हवाला देते हुए, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने संवाददाताओं से कहा- "इस तथ्य के आधार पर कि निकट भविष्य में ईरान के साथ बातचीत होने या न होने की पर्याप्त संभावना है, मैं अगले दो सप्ताह के भीतर निर्णय लूंगी कि इसमें शामिल होना है या नहीं। इसे युद्ध पर आमाद इसरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन के लिए झटका माना जा रहा है।
खामेनेई की खुली चेतावनी, हमले की गलती न करें
उधर, गुरुवार को टीवी पर लाइव आकर ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई ने कहा कि ईरान एकजुट है और वो किसी हालत में सरेंडर नहीं करेगा। वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान पर टिप्पणी कर रहे हैं, जिसमें ईरान को सरेंडर करने का अल्टीमेटम दिया गया था। लेकिन खामेनेई ने ऐसा करने से इनकार करते हुए चेतावनी दी कि किसी भी अमेरिकी हमले की गंभीर और अपूरणीय क्षति उठानी पड़ेगी।
ट्रंप के बयान से नेतन्याहू को झटका
व्हाहट हाउस के ताजा बयान को इसरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के लिए झटका माना जा रहा है, क्योंकि इससे पहले खबरें आ रही थीं कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इसरायल के समर्थन में हमले के लिए तैयार हो गए हैं। लेकिन गुरुवार को व्हाइट हाउस ने स्पष्ट कर दिया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले दो सप्ताह में इस बारे में निर्णय लेंगे कि अमेरिका इसरायल-ईरान संघर्ष में शामिल होगा या नहीं।
ईरान भी जवाबी कार्रवाई कर रहा'
ईरानी सरकारी मीडिया और यूरोपीय राजनयिकों ने कहा कि इजरायली हवाई हमले उनके देश के परमाणु और सैन्य स्थलों को निशाना बनाकर कर रहे हैं और ईरान भी जवाबी कार्रवाई कर रहा है। कूटनीति के लिए यूरोप का प्रयास वाशिंगटन के संदेशों के बिल्कुल विपरीत है, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प खुले तौर पर ईरान पर बमबारी करने और ईरानी नेतृत्व से बिना शर्त आत्मसमर्पण करने का आह्वान कर रहे हैं।
इस बीच रूसऔर चीन भी इस मामले में कूद पड़े हैं। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा, "हम खासतौर पर वॉशिंगटन को आगाह करते हैं कि वह ईरान-इस्राइल संकट में कोई सैन्य हस्तक्षेप न करे। ऐसा करना बेहद खतरनाक होगा, जिसके नतीजे अप्रत्याशित और नुकसानदेह हो सकते हैं।" इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी इस्राइल के हवाई हमलों की कड़ी निंदा की। दोनों नेताओं ने इस तनावपूर्ण स्थिति को कूटनीतिक तरीके से सुलझाने की अपील की।
भारत ने भी इजराइल से अपने नागरिकों को निकालने की घोषणा
ईरान के बाद भारत ने भी इजराइल से अपने नागरिकों को निकालने की घोषणा की है। भारतीय नागरिकों को तेल अवीव स्थित दूतावास में पंजीकरण कराने की सलाह दी गई. मिस्र और जॉर्डन की सीमाओं का उपयोग निकास के लिए किया जाएगा। iran | Isreal | iran israel | Iran Israel Conflict | Iran Israel conflict 2025 | Iran Israel Conflict Explained