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Photograph: (Google)
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते सैन्य संघर्ष ने अब और खतरनाक रूप ले लिया है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस की सिचुएशन रूम में करीब 1 घंटे 20 मिनट तक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के साथ बैठक की, जिसमें ईरान के परमाणु ठिकानों पर बमबारी के विकल्पों की समीक्षा की गई।
अमेरिकी हस्तक्षेप की आशंका से दुनिया में हलचल
CBS News और Axios की रिपोर्टों के मुताबिक, इजरायली अधिकारियों को भरोसा है कि ट्रंप आने वाले दिनों में ईरान के भूमिगत यूरेनियम प्लांट्स पर हमलों में इजरायल का साथ दे सकते हैं।इस आशंका को तब और बल मिला जब ट्रंप ने अचानक G7 समिट से बाहर निकलने के बाद Truth Social पर आक्रामक और चेतावनी भरे संदेश पोस्ट किए।
ट्रंप की धमकी: “हमें पता है खामेनेई कहां छिपा है”
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ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है-ईरान के पास उन्नत स्काई ट्रैकर हैं, लेकिन वो अमेरिका की तकनीक के सामने कुछ नहीं। कोई भी अमेरिका से बेहतर नहीं।हमें पता है कि खामेनेई कहां छिपा है। वो आसान टारगेट है, लेकिन अभी हम उसे नहीं मार रहे हैं – कम से कम फिलहाल नहीं।हम नहीं चाहते कि मिसाइलें नागरिकों या हमारे सैनिकों पर गिरें। हमारा धैर्य खत्म हो रहा है।बिना शर्त आत्मसमर्पण यही एकमात्र रास्ता है।
'अमेरिकी ठिकानों को बना सकते हैं निशाना'
New York Times की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने भी चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका युद्ध में इजरायल का साथ देता है तो वह मध्य पूर्व में मौजूद अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला करेगा।ईरानी सेना ने पहले ही मिसाइलें और रणनीतिक हथियार युद्ध के संभावित इलाकों में तैनात कर दिए हैं।
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5 दिन में 200+ मौतें, युद्ध और भयावह होता जा रहा
अब तक ईरान में 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें बड़ी संख्या में आम नागरिक शामिल हैं।वहीं इजरायल में 24 नागरिकों की मौत हो चुकी है।दोनों देशों के बीच मिसाइल और ड्रोन हमलों का सिलसिला जारी है।अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी स्पष्ट संकेत दिए हैं कि ट्रंप सैन्य कार्रवाई का आदेश दे सकते हैं। उन्होंने X पर लिखा है- राष्ट्रपति यह फैसला ले सकते हैं कि ईरान का संवर्धन कार्यक्रम खत्म करने के लिए और भी कदम उठाने होंगे। अंतिम निर्णय राष्ट्रपति का होगा।
क्या अमेरिका तीसरे मोर्चे पर कूदने वाला है?
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इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि ईरान-इजरायल युद्ध अब सिर्फ दो देशों की लड़ाई नहीं रह गई है।अमेरिका की संभावित एंट्री इस संघर्ष को वैश्विक युद्ध में बदल सकती है, खासकर जब बात परमाणु ठिकानों पर बमबारी की हो।डोनाल्ड ट्रंप का तीखा रुख और ईरान की आक्रामक चेतावनियां बता रही हैं कि मध्य पूर्व का भविष्य और अधिक अशांत हो सकता है।
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