Donald Trump on tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति
donald trump tariffs की घोषणा आज होने वाली है। उन्होंने दावा किया कि उन्हें मिली जानकारी के अनुसार, भारत अमेरिका पर लगाए गए टैरिफ में बड़ी कटौती करने जा रहा है। ट्रंप ने सवाल उठाते हुए कहा, "ऐसा पहले क्यों नहीं किया गया?"
टैरिफ से अमेरिका को फायदा होने का ट्रंप का दावा
जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या उनके नए
टैरिफ अन्य देशों को चीन के पक्ष में जाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी कोई चिंता नहीं है। उन्होंने जोर देते हुए कहा, "मुझे लगता है कि टैरिफ के साथ हमारा प्रदर्शन बेहतर होगा। यह हमारी स्थिति को मजबूत करेगा। कई देश अपने टैरिफ में कटौती करेंगे, क्योंकि वे वर्षों से अमेरिका पर अनुचित शुल्क लगा रहे थे।"
जवाबी टैरिफ लगाएगा अमेरिका
अपनी रणनीति का समर्थन करते हुए ट्रंप ने यूरोपीय संघ द्वारा कार
टैरिफ को घटाकर 2.5 प्रतिशत करने को अपनी नीतियों की सफलता का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा, "जो देश अमेरिका पर टैरिफ लगाएंगे, उन्हें भी समान जवाबी शुल्क का सामना करना पड़ेगा।"
भारत सरकार की प्रतिक्रिया
इस बीच, भारत के केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि भारत विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) का सदस्य है और टैरिफ लगाने की प्रक्रिया तय नियमों के तहत ही होती है। उन्होंने बताया कि भारत तरजीही मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) की दिशा में आगे बढ़ रहा है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने मंगलवार को लोकसभा में कहा, "भारत डब्ल्यूटीओ का सदस्य है और किसी भी वस्तु पर अधिकतम टैरिफ लगाने की सीमा तय है। आमतौर पर, लागू टैरिफ इस सीमा से कम ही होते हैं और भारत इस ढांचे का पालन करता है।"
भारत 13 एफटीए और 9 पीटीए का सदस्य
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री ने बताया कि भारत वर्तमान में 13 मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) और 9 तरजीही व्यापार समझौतों (पीटीए) का सदस्य है। इसके अलावा, यूरोपीय संघ, अमेरिका, ब्रिटेन, ओमान, न्यूजीलैंड और पेरू के साथ नए समझौतों को लेकर बातचीत जारी है।
इनवर्टेड टैरिफ ढांचे में सुधार
जितिन प्रसाद ने बताया कि सरकार ने इनवर्टेड टैरिफ ढांचे (जहां कच्चे माल पर आयात शुल्क तैयार उत्पादों से अधिक होता है) को ठीक करने के लिए व्यापक सुधार शुरू किए हैं। यह पहल उत्पादन लागत को कम करने, घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के लिए की गई है। हालांकि, कुछ घरेलू उद्योग विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचने के लिए उच्च टैरिफ की मांग कर रहे हैं, जिससे सरकार के सामने घरेलू विकास और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के बीच संतुलन बनाने की चुनौती है।