/young-bharat-news/media/media_files/2025/09/11/sydney-kamlager-dove-2025-09-11-08-19-37.jpg)
Sydney Kamlager Dove
वाशिंगटन, वाईबीएन डेस्क।अमेरिका की प्रभावशाली सीनेटर जीन शाहीन और अमेरिकी कांग्रेस सदस्य और विदेश उपसमिति की सदस्य सिडनी कामलागर डोव ने भारत से अमेरिकी रिश्तों को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप के प्रति अपने गुस्से का इजहार किया। सिडनी कामलागर ने कहा कि "भारत के साथ यह साझेदारी इतनी महत्वपूर्ण है कि इसे ट्रंप के अहंकार और लापरवाह नीतियों की बलि नहीं चढ़ाया जा सकता। उन्हें अपना रुख बदलना होगा, समझौता करना होगा और जो नुकसान उन्होंने किया है उसकी भरपाई करनी होगी। ट्रंप को अपने काम में जुट जाना चाहिए।"
US Congresswoman & member foreign subcommittee Sydney Kamlager-Dove:
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) September 10, 2025
“This partnership with India is too important to be sacrificed for Trump’s ego & reckless policies. He must reverse course, strike a deal & fix the damage he caused. Trump needs to get his act together” 🇮🇳🇺🇸 pic.twitter.com/2pJzczJUdJ
भारत से रिश्ते खराब होना अमेरिका के हित में नहीं
अमेरिकी कांग्रेस सदस्य और विदेश उपसमिति की सदस्य सिडनी कामलागर-कैपिटल हिल में संसद में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि भारत, अमेरिका का नैसर्गिक दोस्त है और हमेशा भारते साथ व्यापारिक और कूटनीतिकर रिश्ते बेहतर रहे हैं। लेकिन आज अहंकार और लापरवाह नीतियों की बलि चढ़ाया जा रहा है, जो अमेरिकी के हित में नहीं हो सकता है। उन्होंने रिश्तों की बहाली के तुरंत ठोस कदम उठाए जाने की सलाह दी।
मोदी से बने संबंधों को बिगाड़ दिया
उधर, अमेरिका की प्रभावशाली सीनेटर जीन शाहीन ने रूस से तेल आयात को लेकर भारत को धमकी देने के लिए ट्रंप प्रशासन की आलोचना करते हुए कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नई दिल्ली और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ वर्षों में बने संबंध को कुछ ही महीनों में बिगाड़ दिया गया। डेमोक्रेटिक पार्टी की सीनेटर जीन शाहीन की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर शुल्क को दोगुना करके 50 प्रतिशत कर दिया है। इसमें भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद के लिए 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है।
चीन पर भी टैरिफ लगाया जाना चाहिए
न्यू हैम्पशायर से सीनेटर शाहीन ने वाशिंगटन में ‘काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस’ में अपने संबोधन में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हमारी विदेश नीति को हमेशा अमेरिका के हितों को आगे बढ़ाना चाहिए, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप की नीतियों ने ऐसा नहीं किया है। इसके बजाय, उनकी नीतियों ने छह दशकों के उस प्रयासों को बर्बाद कर दिया है जिसने अमेरिका को सम्मानित और प्रभावशाली बनाया था।’’ जब उनसे पूछा गया कि क्या अमेरिका को रूस से तेल खरीदने पर भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत शुल्क की तरह चीन पर भी शुल्क लगाना चाहिए, तो उन्होंने कहा, "हां, मैं भी ऐसा ही मानती हूं।"
चीन से डरा अमेरिका
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि राष्ट्रपति ने ऐसा इसलिए नहीं किया, क्योंकि जब उन्होंने पहले चीन पर शुल्क लगाने की बात की थी, तो चीन ने कहा था, 'ठीक है, अगर आप ऐसा करना चाहते हैं, तो हम आपको महत्वपूर्ण खनिज नहीं देंगे। हम उन तमाम वस्तुओं की आपूर्ति रोक देंगे जिन पर अमेरिका हम पर निर्भर है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि यही कुछ हद तक हो रहा है...और मेरे विचार में यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत और प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी के साथ वर्षों तक जिस संबंध को बनाने की कोशिश की गई, वह कुछ ही महीनों में बिगाड़ दिया गया है। भारत ने अमेरिका के शुल्क लगाने के कदम को "अनुचित, अनुचित और अविवेकपूर्ण" बताया है। US-India relations | US India Relations 2025 | PM Modi foreign policy | Indo-US ties strained