नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। पंजाब और हरियाणा के बीच का जल विवाद पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा तो अदालत को पाकिस्तान की याद आ गई। डबल बेंच ने पंजाब के कदम पर एतराज जताते हुए कहा कि ये काम तो हम पाकिस्तान के साथ कर रहे हैं। यह तरीका कम से कम भारत के सूबे एक दूसरे के खिलाफ तो न अमल में लाएं। चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस सुमीत गोयल की बेंच ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि पानी पर सभी का हक है। वो किसी की बपौती नहीं है। हालांकि हाईकोर्ट ने इस मामले में तत्काल कोई फैसला नहीं दिया। जस्टिसेज का कहना था कि वो जल्दी ही फैसला सुनाएंगे।
याचिका भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड की तरफ से दाखिल की
हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर पंजाब और हरियाणा के वकीलों के बीच तीखी तकरार हुई। हरियाणा को इस बात को लेकर आपत्ति थी कि पंजाब ने नांगल डैम पर तैनात सुरक्षा कर्मियों की तादाद बढ़ाकर 55 कर दी है जिससे हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने से रोका जा सके। हाईकोर्ट में ये याचिका भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड की तरफ से दाखिल की गई थी। बोर्ड का कहना था कि पंजाब ने नांगल डैम को अपने कब्जे में ले लिया है। वो हर मुमकिन कोशिश कर रहा है जिससे हरियाणा को पानी देने से रोका जा सके।
अतिरिक्त पानी देने का फैसला भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड का
हरियाणा के एडवोकेट जनरल परविंदर सिंह चौहान ने कहा कि उनके सूबे को अतिरिक्त पानी देने का फैसला भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड का है। लेकिन पंजाब ने धींगामुश्ती करते हुए अपनी पुलिस को वहां तैनात कर दिया। चौहान का कहना था कि आखिरकार पंजाब सरकार कर क्या रही है। ये किस तरह की हरकत है। 8500 क्यूसेक पानी केवल हरियाणा के लिए ही नहीं है। इसमें से 1049 दिल्ली के लिए है जबकि 850 पर राजस्थान का हक है। उनका कहना था कि अगर पंजाब सरकार को बोर्ड के फैसले पर कोई आपत्ति थी तो केंद्र के पास अपनी बात रखनी चाहिए थी। धींगामुश्ती करने की क्या जरूरत है।
पंजाब सरकार की तरफ से पेश वकील गुरमिंदर सिंह का कहना था कि बोर्ड गलत बयानी कर रहा है। उसका हरियाणा को पानी देने का फैसला गलत है। डैम की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा पंजाब सरकार का है। सरकार वहां चाहे 15 पुलिस के जवान तैनात करे या फिर 55 इसमें बोर्ड को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। उनका कहना था कि सीमा पर तनाव है ऐसे में डैम की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने की जरूरत है।