कानपुर, वाईबीएन संवाददाता
क्रोनिक लिवर डिजीज से पीड़ित महिला के आपरेशन काफी रिस्की था। जान जाने का खतरा था, पर डाक्टरों ने यह जोखिम नजरंदाज कर सफल आपरेशन कर महिला को नया जीवन दे दिया। फतेहपुर निवासी 24 वर्षीय इस महिला का अपर इंडिया शुगर एक्सचेंज जच्चा बच्चा अस्पताल में आपरेशन हुआ। एक सप्ताह बाद पूरी तरह स्वस्थ होने पर उसे घर भेज दिया गया।
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क्रोनिक लिवर डिसीज से पीड़ित थी महिला
जीएसवीएम मेडिकल कालेज के स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ पाविका लाल ने बताया कि फतेहपुर निवासी 24 वर्षीय महिला क्रोनिक लिवर डिसीज से पीड़ित थी। महिला ने कई अस्पतालों में दिखाया। एक प्राइवेट अस्पताल से उसे केजीएमयू लखनऊ जाने की सलाह दी गई। मरीज कई जगह भटकती हुई यहां डॉ पाविका लाल की ओपीडी यूनिट में दिखाने आई तो उसकी हालत गंभीर थी। जांच में पता चला कि महिला की प्लेटलेट्स और आरबीसी बहुत कम है। साथ ही हाई प्रेगनेंसी भी है, जिससे वह क्रोनिक लिवर डिजीज की शिकार है।
8 यूनिट प्लेटलेट्स व चार यूनिट ब्लड चढ़ाया
डॉ पाविका लाल ने विभागाध्यक्ष डॉ रेनू गुप्ता के मार्गदर्शन में अपनी टीम के साथ महिला का सफल आपरेशन कर उसकी जान बचाई गई। इस आपरेशन में महिला को 8 यूनिट प्लेटलेट्स व चार यूनिट ब्लड चढ़ाया गया। उन्होंने बताया कि ऐसी बीमारी लाखों में 3 से 10 प्रतिशत मरीजों में होती है। इस सफल आपरेशन पर डॉ पाविका लाल व उनकी टीम को विभागाध्यक्ष डॉ रेनू गुप्ता व प्राचार्य प्रो. डॉ संजय काला ने बधाई दी।
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क्या होता है क्रोनिक लिवर डिजीज
क्रोनिक लिवर डिजीज (सीएलडी) का मतलब है लिवर की वो बीमारियाँ जो धीरे-धीरे और लंबे समय तक लिवर को नुकसान पहुंचाती हैं, जिससे लिवर की कार्यक्षमता कम हो जाती है और इस बीमारी में लिवर धीरे-धीरे अपनी कार्यक्षमता खोने लगता है, जिससे शरीर में विषाक्त पदार्थों को साफ करने, प्रोटीन और पित्त का उत्पादन करने और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों को करने में मुश्किल होती है।
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लिवर को नुकसान पहुंचाने वाले कारण
इस बीमारी में लिवर को अत्यधिक नुकसान शराब के सेवन, हेपेटाइटिस बी या सी संक्रमण से होता है, जो कि लिवर में सूजन और क्षति का कारण बन सकते हैं। फैटी लिवर रोग जो कि लिवर में वसा का जमाव होने से लिवर को नुकसान पहुंचाता है। इसके साथ ही कुछ आनुवांशिक बीमारियाँ भी लिवर को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
क्रोनिक लिवर डिजीज के लक्षण
क्रोनिक लिवर डिजीज के मुख्य लक्षणों में भूख में कमी होना, थकान और कमजोरी महसूस होना, पीलिया (त्वचा और आँखों का पीला पड़ना), पेट में सूजन, पैर में सूजन त्वचा में खुजली, आसानी से खून बहना, आसानी से चोट लगना है।