/young-bharat-news/media/media_files/2025/11/22/mindfulbreathing-2025-11-22-10-17-40.jpg)
Mindfulbreathing Photograph: (ians)
नई दिल्ली।भागदौड़ भरी जिंदगीमें तनाव को कम करने के लिए 'माइंडफुल ब्रीदिंग' एक बेहद प्रभावी तकनीक है। यह एक साधारण ध्यान प्रक्रिया है जिसमें आप अपनी सांसों की गति और गहराई पर पूरा ध्यान केंद्रित करते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, माइंडफुल ब्रीदिंग के नियमित अभ्यास से तनाव हार्मोन कोर्टिसोल का स्तर कम होता है, जिससे मन को गहरी शांति मिलती है, एकाग्रता बढ़ती है और अनिद्रा की समस्या दूर होती है।
एक बेहद प्रभावी तकनीक
मालूम हो कि तनाव, चिंता और अनिद्रा यह आज के व्यस्त समय में ज्यादातर लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन चुके हैं। हालांकि, ‘माइंडफुल ब्रीदिंग’ एक ऐसी तकनीक है, जिसके अभ्यास से इन समस्याओं पर काफी हद तक नियंत्रण किया जा सकता है। प्रतिदिन सुबह या शाम कुछ मिनटों के अभ्यास से मानसिक शांति और एनर्जी के साथ तन-मन में महत्वपूर्ण फर्क देखने को मिल सकते हैं। ऐसा भारत सरकार के आयुष मंत्रालय का कहना है, जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए ‘माइंडफुल ब्रीदिंग’ (सजग श्वास) की सलाह देता रहा है। यह एक सरल, मुफ्त और वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित तकनीक है, जिसे कहीं भी, कभी भी किया जा सकता है।
तनाव और एंग्जाइटी
माइंडफुल ब्रीदिंग से मिलने वाले फायदों के साथ सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि यह क्या है? यह एक ऐसी तकनीक है, जो हमारी मानसिक शांति को वापस लाने के साथ ही तनाव और एंग्जाइटी से निपटने में भी बहुत मददगार है।
सबसे आसान तरीका
इस तकनीक का सबसे आसान तरीका है, किसी शांत जगह पर बैठकर 4-7-8 विधि का अभ्यास करना:- 4 सेकंड तक धीरे-धीरे नाक से सांस अंदर लें। 7 सेकंड तक सांस को रोकें। 8 सेकंड तक धीरे-धीरे मुंह से बाहर निकालें।कुछ मिनटों का यह अभ्यास आपकी मानसिक सेहत के लिए तुरंत राहत देने वाला साबित हो सकता है।
नए शोध में पता चला है कि माइंडफुलनेस के जरिए कॉग्निटिव कंट्रोल में सुधार किया जा सकता है। इस तरह से एंग्जाइटी से निपटने में भी मदद मिलती है। माइंडफुल ब्रीदिंग यानी वर्तमान समय में पूरी तरह जागरूक होकर गहरी सांस लेने की तकनीक है। इस दौरान सांस की हर गति को महसूस करते हैं। यह माइंडफुलनेस मेडिटेशन का सबसे आसान रूप है, जिसमें सिर्फ सांस पर ही फोकस होता है।
प्रतिदिन अभ्यास से कई फायदे
माइंडफुलनेस के प्रतिदिन अभ्यास से कई फायदे मिलते हैं। तनाव और चिंता में राहत मिलती है। ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट कम होता है। रात में बेहतर नींद आती है। गुस्सा और नकारात्मक विचारों पर काबू पाना आसान होता है। एकाग्रता और फोकस बढ़ता है। इमोशनल बैलेंस बना रहता है और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
कई रिसर्च में भी माइंडफुलनेस को कारगर बताया गया है। वाशिंगटन विश्वविद्यालय के माइंडफुलनेस साइंस एंड प्रैक्टिस रिसर्च क्लस्टर के पोस्ट में भी माइंडफुलनेस तकनीक के पीछे के मूल विचार के बारे में बताया गया, जिसमें बिना किसी जजमेंट या पूर्वाग्रह के मौजूदा पल पर फोकस करना होता है। यह चिंता को खत्म करने और फोकस में सुधार करने में मदद कर सकता है।कई रिसर्च में पता चला कि माइंडफुलनेस चिंता के लक्षणों को कम कर सकता है।
(इनपुट-आईएएनएस)
Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"
/young-bharat-news/media/agency_attachments/2024/12/20/2024-12-20t064021612z-ybn-logo-young-bharat.jpeg)
Follow Us
/young-bharat-news/media/media_files/2025/04/11/dXXHxMv9gnrpRAb9ouRk.jpg)