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भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में नाभि शरीर का एक महत्वपूर्ण केंद्र माना गया है। आयुर्वेद के अनुसार, नाभि में तेल लगाने से न केवल त्वचा बल्कि पूरे शरीर को लाभ मिलता है। यह एक सरल लेकिन प्रभावशाली घरेलू उपाय है जिसे नियमित रूप से अपनाया जाए तो अनेक स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं।
नाभि में तेल लगाने के फायदे
1.त्वचा में निखार:
नाभि में तेल लगाने से त्वचा में चमक आती है और यह ड्राई स्किन की समस्या को कम करता है। विशेषकर नारियल या बादाम तेल लगाने से त्वचा को पोषण मिलता है।
2. पाचन तंत्र सुधारता है:
नाभि में सरसों या अदरक का तेल लगाने से अपच, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याएं कम होती हैं। यह पाचन तंत्र को संतुलित करता है।
3. हार्मोनल संतुलन
नाभि शरीर के हार्मोन को संतुलित करने में मदद करती है। नाभि में नीम या तुलसी का तेल लगाने से हार्मोनल असंतुलन की स्थिति में राहत मिलती है।
4. पेन रिलीफ
जोड़ों के दर्द या मासिक धर्म के दर्द में अरंडी का तेल नाभि में लगाने से आराम मिलता है।
5. मन को शांत करता है
रात को सोते समय नाभि में तेल लगाने से तनाव कम होता है और नींद बेहतर आती है। इससे मानसिक शांति मिलती है।
तेल लगाने का सही समय
रात को सोने से पहले नाभि में तेल लगाना सबसे अच्छा माना जाता है। इस समय शरीर विश्राम की स्थिति में होता है और तेल के पोषक तत्व बेहतर ढंग से अवशोषित होते हैं।
कौन-कौन से तेल उपयोगी हैं:
1. नारियल तेल – त्वचा को मुलायम और हाइड्रेट रखने के लिए
2. बादाम तेल चमकदार त्वचा और मानसिक शांति के लिए
3. सरसों का तेल–पाचन और सर्दी-जुकाम में लाभदायक
4. अरंडी का तेल–दर्द निवारण और डिटॉक्स के लिए
5. घी–गर्मी शांत करने और फटे होंठों के लिए
नाभि में तेल लगाना एक प्राचीन और प्रभावशाली विधि है जिसे आज की व्यस्त जीवनशैली में भी आसानी से अपनाया जा सकता है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक शांति के लिए भी लाभकारी है।
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