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कही आप भी न हो जाएं Anxiety और Depression का शिकार, तुरंत पढें

अपनी बात परिवार के साथ न शेयर करने से और मन ही मन में घुटने से टीनएजर्स इस भारी समस्या का शिकार हो रहे हैं, जिसमें 10 से 18 साल के बच्चे शामिल हैं। सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में ही ऐसा देखा जा रहा है।

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Ojaswi Tripathi
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।

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आज के समय में ज्यादा लोग डिप्रेशन का शिकार होते देखे जा रहे हैं। ओवरथिंकिंग के चलते और अपनी बातें लोगों के सामने न रखने की वजह से कई व्यक्ति इससे जूझते नजर आते हैं, जिसके चलते उनके अंदर एंग्जाइटी और डिप्रेशन पैदा होने लगता है। इसका ज्यादा प्रभाव हमें टीनएजर्स में देखने को मिल रहा है। ऐसा देखा जाता है कि अपनी बात परिवार के साथ न शेयर करने से और मन ही मन में घुटने से टीनएजर्स इस भारी समस्या का शिकार हो रहे हैं, जिसमें 10 से 18 साल के बच्चे शामिल हैं। सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में ही ऐसा देखा जा रहा है। 

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एक स्टडी के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया में 75% टीनएजर्स एंग्जाइटी और डिप्रेशन की समस्या से जूझ रहे हैं। इसमें 64% एडल्ट्स को तीन से ज्यादा बार खराब मेंटल हेल्थ का सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं, भारत में 5 करोड़ से ज्यादा बच्चे मेंटल हेल्थ के शिकार हो रहे हैं, जिसमें ज्यादातर बच्चे एंग्जाइटी और डिप्रेशन का सामना कर रहे हैं। वहीं, कोविड के बाद से ये आंकड़े बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपनी रिसर्च में बताया कि पूरी दुनिया में 30 करोड़ से ज्यादा लोग एंग्जाइटी से जूझ रहे हैं और 28 करोड़ लोग डिप्रेशन का सामना कर रहे हैं। मौजूदा समय में यह समस्या टीनएज और युवाओं में बहुत ज्यादा है। 

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इससे कैसे बचें- 

 एंग्जाइटी और डिप्रेशन एक भारी समस्या है। । इससे बचने के लिए हमें कुछ चीजों का खास ख्याल रखना काफी जरूरी है। अगर कोई व्यक्ति एंग्जाइटी या डिप्रेशन का शिकार है तो उसके बिहेवियर में उसका असर दिखना शुरू हो जाता है। इन्हें पहचानकर उनकी मदद कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं क्या है वो चीजें जिसकी मदद से हम डिप्रेशन से अपने करीबियों को छुटकारा दिला सकते हैं।

sleep
sleep Photograph: (google)
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एंग्जाइटी और डिप्रेशन की समस्या को ठीक रखने के लिए अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी है। बता दें, अच्छी नींद सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य के लिए ही नहीं मानसिक स्वास्थ्य में भी अहम भूमिका निभाती है। ऐसा कहा जाता है कि  जो लोग 6 घंटे या उससे कम सोते हैं, उनमें स्ट्रेस-एंग्जाइटी होने की आशंका ज्यादा होती है। इसलिए सभी लोगों के लिए अच्छी नींद बहुत आवश्यक है।

मोबाइल पर कम समय बिताएँ

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. Photograph: (google)

 

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मोबाइल या सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताना और रील्स स्क्रोल करना आज के समय में काफी आम बात हो गई है। ये एक ऐसी लत है जिससे लोग चाह कर भी पीछा नहीं छुड़ा पा रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं ये डिप्रेशन को बढ़ावा देने का काम करता हैं? इस लत के चलते आप खुद के बारे में कम सोचते है, जिससे चिंता और अवसाद की भावनाएं बढ़ जाती हैं। इसलिए जरूरी है कि आप सोशल मीडिया पर कम समय बिताने के लिए प्रयास करें। वहीं, सोने से एक घंटे पहले फोन-कंप्यूटर जैसे स्क्रीन से दूरी बना लें और कम से कम समय सोशल मीडिया पर बिताएं। 

डेली एक्सरसाइज करें

exercise
exercise Photograph: (google)

 

शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की सेहत को ठीक रखने के लिए डेली एक्सरसाइज करना काफी जरूरी है। रोजाना हल्के स्तर के भी व्यायाम से तनाव से राहत पाने, मूड को बेहतर बनाने, नींद में सुधार करने में मदद मिल सकती है। रोजाना कम से कम 30 मिनट के व्यायाम की आदत बनाएं। 

 

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