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लखनऊ की सड़कों पर दौड़ी इतिहास की सवारी, विंटेज कार रैली ने जीता दिल

लखनऊ में रविवार को हिंदुस्तान पेट्रोलियम और ट्रैफिक विभाग द्वारा विंटेज कार और बाइक रैली आयोजित की गई। इस रैली में 40 विंटेज कारें और 5 दुर्लभ बाइक्स शामिल थीं, जिनमें 1923 की बेबी ऑस्टिन और द्वितीय विश्व युद्ध से पहले की बीएसए बाइक प्रमुख आकर्षण रहीं।

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Shishir Patel
Lucknow Vintage Car Rally

सड़कों पर उतरीं इतिहास की अनमोल गाड़ियाँ

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। रविवार का दिन राजधानीवासियों के लिए किसी उत्सव से कम नहीं रहा। शहर की प्रमुख सड़कों पर जब दशकों पुरानी कारें और दुर्लभ मोटरसाइकिलें एक साथ चलीं, तो पूरा माहौल रोमांचक हो उठा। हजरतगंज से लेकर इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान तक लोगों की निगाहें इन विंटेज ऑटोमोबाइल्स पर टिकी रहीं। बच्चों से लेकर युवाओं और बुजुर्गों तक हर किसी ने इन कारों और बाइकों के साथ तस्वीरें खिंचवाने का अवसर हाथ से नहीं जाने दिया।

प्रमुख सचिव गृह ने झंडी दिखाकर किया रवाना 

हिंदुस्तान पेट्रोलियम और ट्रैफिक विभाग की ओर से आयोजित इस विशेष विंटेज कार एवं बाइक रैली को प्रमुख सचिव गृह एवं सूचना संजय प्रसाद ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उनकी मौजूदगी में रैली हजरतगंज चौराहे से शुरू होकर रूमी गेट, 1090 चौराहा होते हुए इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान पहुंची।करीब 20 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली इस रैली में 40 से अधिक विंटेज कारें और 5 क्लासिक बाइक्स शामिल थीं। इन दुर्लभ वाहनों में 1923 मॉडल की बेबी ऑस्टिन और 1927 फोर्ड कार लोगों के आकर्षण का केंद्र बनीं। राजधानी के फहद अली भी अपनी ऐतिहासिक बीएसए मोटरसाइकिल के साथ रैली में शामिल हुए। यह वही बाइक है जिसे ब्रिटिश सैनिक द्वितीय विश्व युद्ध से पहले उपयोग करते थे। बाइक को देखते ही लोगों की उत्सुकता चरम पर पहुंच गई और सेल्फी लेने वालों की लाइन लग गई।

यह रैली केवल शौक और आकर्षण का कार्यक्रम नहीं: संजय प्रसाद 

संजय प्रसाद ने कहा कि विंटेज वाहनों की यह रैली केवल शौक और आकर्षण का कार्यक्रम नहीं, बल्कि यातायात नियमों के प्रति जागरूकता का एक प्रभावी माध्यम भी है। उन्होंने बताया कि शहर में सड़क सुरक्षा अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए समय-समय पर इस तरह की गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।उन्होंने विंटेज वाहनों की चमक-दमक और मेंटेनेंस की तारीफ करते हुए कहा कि इन गाड़ियों को बेहतर हालत में रखना जितना खर्चीला है, उतना ही मेहनत का भी काम है। इन खूबसूरती से सजी-धजी पुरानी कारों और बाइकों को देखकर यह साफ झलकता है कि मालिक अपनी विरासत को कितने प्रेम से संजोए हुए हैं।रैली के समापन पर शहरवासियों ने आयोजकों की पहल की प्रशंसा की और कहा कि इस तरह के कार्यक्रम न सिर्फ मनोरंजन प्रदान करते हैं, बल्कि ट्रैफिक जागरूकता का मजबूत संदेश भी देते हैं।

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