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स्कूल मर्जर के खिलाफ 'आप' का विरोध प्रदर्शन Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। लखनऊ में आम आदमी पार्टी ने सरकारी स्कूलों के एकीकरण (मर्जर) के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। कैसरबाग स्थित स्वास्थ्य भवन चौराहे पर जिलाध्यक्ष इरम रिजवी के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने सरकार के विरुद्ध जमकर नारे लगाए। “हमें मधुशाला नहीं, पाठशाला चाहिए” और “शिक्षा मंत्री इस्तीफा दो” के नारों के साथ विरोध दर्ज कराया गया। प्रदर्शन से पहले आम आदमी पार्टी की लीगल सेल के प्रदेश अध्यक्ष प्रकाश श्रीवास्तव को पुलिस ने उनके घर पर ही नजरबंद कर दिया था।
पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प
कैसरबाग में प्रदर्शन के दौरान पुलिस और आप कार्यकर्ताओं के बीच कहासुनी और धक्का-मुक्की भी देखने को मिली। जैसे ही कार्यकर्ता विधानसभा की ओर बढ़ने लगे, पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। जिला अध्यक्ष इरम रिजवी को पुलिस ने जबरन वाहन में बैठाया और अन्य कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में लिया गया।
अब शिक्षा भी निशाने पर
प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि रेल, हवाई अड्डे और अब बिजली विभाग के निजीकरण के बाद, अब शिक्षा व्यवस्था को भी बंद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्कूलों को मर्ज करके शिक्षा का अधिकार छीना जा रहा है। आप नेता इरम रिजवी ने कहा की अगर सरकार नए स्कूल नहीं खोल सकती, तो कम से कम पुराने तो बंद न करे। जिस देश में पाठशालाएं बंद कर मधुशालाएं चलाई जाएं, उस नीति पर शर्म आती है।
आमजन के अधिकारों पर चोट कर रही सरकार
प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि सरकार पेंशन और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं को खत्म कर आमजन के अधिकारों पर चोट कर रही है। उनका दावा है कि सरकार को डर है कि अगर बच्चे शिक्षित हो गए, तो सवाल पूछेंगे। इरम रिजवी ने कहा की कभी धर्म, तो कभी जाति के नाम पर गरीबों के घर गिराए जा रहे हैं। अब अगर कोई सरकार की नीतियों का विरोध करता है, तो उस पर कार्रवाई होती है।
स्कूल मर्जर छात्रों-शिक्षकों के लिए संकट
जिलाध्यक्ष इरम रिजवी ने स्कूल मर्जर नीति को छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए नुकसानदायक बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 27,000 से अधिक स्कूलों का विलय किया जा रहा है, जिससे न केवल बच्चों की शिक्षा बाधित होगी, बल्कि कई शिक्षक भी बेरोजगार हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार यह फैसला वापस नहीं लेती, तब तक आम आदमी पार्टी का विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा–सड़क से लेकर सदन तक।