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AIDA की निजी घरानों और मीटर कंपनियों से मिलीभगत, वाजपेई सरकार के विद्युत सचिव ने उठाये सवाल

Electricity Privatisation : विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण को लेकर तैयार किए गए दस्तावेज और ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट को सार्वजनिक करने की मांग की है।

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Deepak Yadav
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AIDA की निजी घरानों और मीटर कंपनियों से मिलीभगत Photograph: (YBN)

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण को लेकर तैयार किए गए दस्तावेज और ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट को सार्वजनिक करने की मांग की है। इस बीच वाजपेई सरकार में विद्युत सचिव रहे पूर्व आईएएस अधिकारी ईएएस शर्मा ने ऑल इंडिया डिस्कॉम एसोशिएशन की निजी घरानों और मीटर आपूर्तिकर्ता कंपनियों से संलिप्तता और फंडिंग को लेकर सवाल उठा उठाए हैं।

निजीकरण प्रक्रिया पारदर्शी नहीं

समिति ने आरोप लगाया कि प्रदेश के 42 जनपदों के निजीकरण की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है। निजी घरानों से मिलीभगत में निजीकरण का आरएफपी डॉक्यूमेंट तैयार किया गया है। सलाहकार कंपनी ने ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट 2020 के आधार पर निजीकरण में पावर कारपोरेशन की मदद करने की बात कही थी। इस डॉक्यूमेंट पर ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन और कई अन्य संगठनों ने अपनी लिखित आपत्ति दर्ज की है। विद्युत मंत्रालय ने अभी तक तक बिडिंग डॉक्यूमेंट को अंतिम स्वरूप नहीं दिया है। 

आरएफपी डॉक्यूमेंट में बिडिंग डॉक्यूमेंट 2025 का जिक्र

पावर कारपोरेशन ने विद्युत नियामक आयोग को जो आरएफपी डॉक्यूमेंट भेजा है, उसमें निजीकरण का आधार ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट 2025 का जिक्र है। जबकि यह डॉक्यूमेंट पब्लिक डोमेन में नहीं है। भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय की वेबसाइट पर इसे अपलोड नहीं किया गया है। इसे राज्य सरकारों और विद्युत वितरण निगमों को भी नहीं भेजा गया है। इस पर किसी की आपत्ति भी नहीं मांगी गई है। इस तरह प्रदेश के 42 जनपदों की लाखों करोड़ रुपये की विद्युत वितरण की परिसंपत्तियों को स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट 2025 के आधार पर निजी घरानों को बेचने की तैयारी है। 

डॉक्यूमेंट बनाने में एआईडीए की भूमिका

समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने आरोप लगाया कि बिडिंग डॉक्यूमेंट 2025 को बनाने में भी ऑल इंडिया डिस्कॉम एसोशिएशन की भूमिका है। उन्होंने बातया कि अटल बिहारी वाजपेई सरकार में विद्युत सचिव रहे पूर्व आईएएस अधिकारी ईएएस शर्मा ने ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन को एक ईमेल भेजा है। इसमें पूर्व विद्युत सचिव आलोक कुमार का ऑल इंडिया डिस्कॉम एसोशिएशन की ओर से निजीकरण और स्मार्ट मीटर आपूर्तिकर्ता कंपनियों की पैरवी का जिक्र है। ईमेल में लिखा है कि डिस्कॉम एसोशिएशन की फंडिंग जांच की बात भी कही है।

Electricity Privatisation | VKSSUP

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