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घटना स्थल पर पहुंचे पुलिस कमिश्नर।
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राजधानी में उस समय सनसनी फैल गई, जब 32वीं बटालियन के स्विमिंग पूल में नहा रहे क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर अश्विनी चतुर्वेदी की डूबने से मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस आयुक्त सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए। सुबह करीब 8 बजे इंस्पेक्टर अश्विनी चतुर्वेदी स्विमिंग के लिए पूल में उतरे, लेकिन काफी देर तक बाहर नहीं आए।
काफी खाोजबीन के बाद अश्विनी का शव पूल से बरामद
परिजनों और साथियों को चिंता हुई तो तलाश शुरू की गई। इसके बाद एसडीआरएफ की टीम बुलाई गई। कुछ देर की खोजबीन के बाद अश्विनी का शव पूल से बरामद हुआ।अश्विनी मूल रूप से अंबेडकरनगर के रहने वाले थे,लेखराज में अपने भतीजे और भांजे के साथ रह रहे थे।
थाना महानगर क्षेत्रान्तर्गत क्राइम ब्रांच में तैनात निरीक्षक अश्वनी चतुर्वेदी 35 वीं बटालियन के स्विमिंग पूल में डूब कर मृत्यु हो जाने के सम्बन्ध पुलिस उपायुक्त मध्य आशीष श्रीवास्तव द्वारा दी गयी बाइट। pic.twitter.com/TlCtXm8Qjq
— shishir patel (@shishir16958231) September 26, 2025
अश्विनी चतुर्वेदी पहले चिनहट थाने के प्रभारी रहे थे
अश्विनी चतुर्वेदी पहले चिनहट थाने के प्रभारी रहे थे, लेकिन कस्टोडियल डेथ के एक मामले के बाद उन्हें वहां से हटा दिया गया था और इस समय वे क्राइम ब्रांच में तैनात थे।पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। घटना के कारणों की जांच के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। फिलहाल यह साफ नहीं हो पाया है कि यह हादसा था या किसी और वजह से मौत हुई।
रोजाना सुबह जाते थे वे स्विमिंग करने, पूल बंद होने पर कर्मचारियों को हुई जानकारी
जानकारी के अनुसार, पूल में रोजाना दो घंटे का स्लॉट निर्धारित होता है, जिसमें अश्विनी का समय सुबह 6:00 बजे से 8:00 बजे तक था।सुबह अपनी नियमित समय पर वे स्विमिंग के लिए पहुंचे और रजिस्टर में साइन भी किए। जब लगभग 8:00 बजे पूल बंद करने का समय आया, कर्मचारियों ने अंदर जाकर देखा तो पूल किनारे उनका बैग पड़ा मिला। इसके बाद कर्मचारियों ने चारों ओर तलाश की, तो अश्विनी चतुर्वेदी को पानी में डूबा हुआ पाया गया।
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इंस्पेक्टर अश्विनी की मौत से लखनऊ पुलिस में शोक की लहर
इंस्पेक्टर अश्विनी चतुर्वेदी के अचानक मौत की खबर सुनकर जहां उनके जानने वाले अवाक रह गए हैं,वहीं लखनऊ पुलिस में शोक की लहर दौड़ गई है।डीसीपी मध्य आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि जांच पड़ताल के दौरान अभी तक जो तथ्य सामने आए हैं उसमें मौत का कारण पूल में डूबने से निकल कर आ रहा है।
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डीजीपी ने शोक संतप्त परिजनों को दिए 5.25 करोड़ के चेक
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Lucknow Crime:उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने शुक्रवार को ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले तीन पुलिसकर्मियों के परिजनों को करीब 5 करोड़ 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि के चेक सौंपे। यह सहायता बैंक आॅफ बड़ौदा के पुलिस सैलरी पैकेज योजना के तहत दी गई। चेक पाने वालों में जीआरपी वाराणसी के आरक्षी विकास चंद्र पांडेय के परिजनों को 1.85 करोड़ रुपये, पीलीभीत के आरक्षी शिवम के परिजनों को 1.70 करोड़ रुपये और अयोध्या के आरक्षी गरी कस्टन सिंह के परिजनों को 1.70 करोड़ रुपये की राशि दी गई।कार्यक्रम में एडीजी प्रशांत कुमार, आईजी शलभ माथुर, आईजी आर.के. भारद्वाज और बैंक आॅफ बड़ौदा के अधिकारी मौजूद रहे।
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गाजीपुर में 15 दिन में सौतेले पिता को उम्रकैद
Lucknow Crime: मिशन शक्ति अभियान और आॅपरेशन कन्विक्शन के तहत गाजीपुर पुलिस ने एक अबोध बालिका से दुष्कर्म करने वाले सौतेले पिता को मात्र 15 दिनों में सजा दिलाई। विशेष पॉक्सो कोर्ट ने दोषी अशोक बनवासी को आजीवन कारावास (शेष प्राकृतिक जीवनकाल) और 1 लाख जुर्माना की सजा सुनाई। यह घटना थाना शादियाबाद क्षेत्र की है। 20 जुलाई 2025 को पीड़िता की मां की तहरीर पर मुकदमा दर्ज हुआ था। अगले दिन ही आरोपी गिरफ्तार कर लिया गया। थाना प्रभारी श्यामजी यादव ने त्वरित जांच कर ठोस साक्ष्य जुटाए, जिसके बाद 12 सितंबर को आरोप तय हुआ और 26 सितंबर को अदालत ने सजा सुना दी। पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्णा ने गाजीपुर पुलिस और अभियोजन टीम की सराहना करते हुए 25,000 का पुरस्कार देने की घोषणा की।
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