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हरदोई में स्मार्ट प्रीपेड मीटर के तेज चलने की पुष्टि Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। पावर कारपोरेशन के स्मार्ट प्रीपेड मीटर सही काम करने का दावे को झटका लगा है। प्रदेश के हरदोई जनपद में एक उपभोक्ता के घर में चार माह पहले लगाए गए स्मार्ट प्रीपेड मीटर के तेज चलने की पुष्टि हुई है। चेक मीटर की रीडिंग से मिलान करने पर स्मार्ट मीटर में बिजली की खपत 377 यूनिट ज्यादा पाई गई है। इस मामले की शिकायत मध्यांचल विद्युत वितरण निगम एमवीवीएनएल के निदेशक से की गई है।
चार माह से ज्यादा आ रहा था बिल
हरदोई में अंकुश गुप्ता के घर में चार माह पहले स्मार्ट प्रीपेड लगाया गया था। इसके बाद से ही उनका बिजली का बिल ज्यादा आ रहा था। उपभोक्ता ने जांच के लिए चेक मीटर लगवाया। 20 दिन बाद क्षेत्रीय बिजली अधिकारियों के निर्देश पर चेक मीटर उतारा गया। दोनों मीटरों की रिडिंग देखते ही उपभोक्ता के होश उड़ गए।
चेक में 85 यूनिट और प्रीपेड मीटर में 462
अंकुश के चेक मीटर में बिजली की खपत 85 यूनिट थी। वहीं स्मार्ट प्रीपेड मीटर में 462 यूनिट निकली। यानी मीटर 377 यूनिट ज्यादा बता रहा था। स्मार्ट मीटर में जहां 3 किलोवाट 350 वाट भार दर्ज हुआ। वहीं चेक मीटर में मात्र 860 वॉट ही दर्ज हुआ। यानी रीडिंग और भार तेज भाग रहे थे। इसके बाद अंकुश ने राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद से संपर्क किया।
एमवीवीएनएल निदेशक से शिकायत
परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने इस मामले की जानकारी एमवीवीएनएल के निदेशक (वाणिज्य) योगेश कुमार सहित क्षेत्रीय अधिशासी अभियंता और उपखंड अधिकारी को दी। उन्होंने उपभोक्ता का मीटर और बिल सही करने की मांग की। वर्मा ने बातया कि अंकुश के साथ ही अशोक कुमार पांडे, कमलेश वर्मा, निशा देवी, विष्णु गोपाल, सुनीता द्विवेदी, प्रदीप मिश्रा, ओमवती और दुर्गेश ने भी 450 रुपये बिजली विभाग को जमा करके चेक मीटर लगवाया था। उन्होंने कहा कि इन सभी के चेक मीटर को गंभीरता से जांचना चाहिए।
स्टेबलाइजर लगाने पर दो से आठ किलो पहुंचा भार
अवधेश वर्मा ने कहा कि इसी तरह का मामला बलिया में सामने आया है। वहां कसनाथ प्रसाद वर्मा के घर में दो किलोवाट का स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा है। लो वोल्टेज के चलते उन्होंने स्टेबलाइजर लगा लिया तो उनका भार लगभग साढ़े आठ किलो पहुंच गया। जो बेहद गंभीर मामला है। उन्होंने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निदेशक (तकनीकी) से शिकायत की है।
रीडिंग की रिपोर्ट नहीं हुई सार्वजनिक
परिषद अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश भर में लगाए गए 39 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर के साथ दो लाख से ज्यादा चेक मीटर लगाए जाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन अभी तक रीडिंग की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि परिषद की शिकायत पर उप्र रुरल इलेक्ट्रिफिकेशन कारपोरेशन ने मामला आरडीएसएस को भेजा है। कहा, बार-बार मांगने के बावजूद बिजली कंपनियों ने चेक मीटर मिलान की रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराई। ऐसे में स्मार्ट प्रीपेड मीटर के तेज चलने की उपभोक्ताओं की आशंका का समाधान नहीं हो पा रहा है।
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