/young-bharat-news/media/media_files/2025/09/23/kgmu-doctors-protest-2025-09-23-09-46-09.jpg)
kgmu रेजिडेंट डॉक्टर और नर्सिंग अधिकारी लामबंद Photograph: (KGMU PRO)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के ट्रॉमा सेंटर में नर्सिंग अधिकारी से मारपीट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। नर्सिंग अधिकारी शुभम राव की पिटाई के आरोपित चार रेजिडेंट डॉक्टरों को निलंबित कर दिया गया है। इस मामले में शुभम की तहरीर पर नौ रेजिडेंट के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है। इस कार्रवाई के विरोध में जूनियर डॉक्टर कार्य बहिष्कार मंगलवार तड़के सुबह चार बजे तक धरने पर बैठे रहे। इलाज ठप होने से मरीजों की आफत आ गई। सुबह जेआर केजीएमयू के बाहर गेट पर प्रदर्शन करने लगे। वह एफआईआर वापस लेने और निलंबन की कार्रवाई निरस्त करने की मांग पर अड़े हैं। वहीं, नर्सिंग अधिकारी भी आरोपित डॉक्टरों को बर्खास्त करने की मांग कर रहा है। बवाल की आशंक के चलते मौके पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
ये जेआर हुए निलंबित
केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में शनिवार रात रेजिडेंट डॉक्टरों ने नर्सिंग अधिकारी शुभम राव की पिटाई कर दी थी। आरोप है कि रेजिडेंट डॉक्टरों ने शराब के नशे में धुत होकर शुभम को लात-घूंसों से जमकर पीटा था। जांच के आधार पर चार रेजिडेंट अश्विन, आयुष, निखिल और अंकित वर्मा को निलंबित कर दिया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट किया कि जांच पूरी होने तक ये निलंबित ही रहेंगे।
बचाने पर ओटी टेक्नीशियन को पीटा
शुभम के मुताबिक, शनिवार रात वह ड्यूटी पर थे। इसी दौरान जूनियर डॉक्टरों ने उन पर हमला कर दिया। उन्होंने बताया कि अश्विन, आयुष, निखिल, अंकित वर्मा, अमित शर्मा, सतीश, देवेंद्र, प्रेम, दीपक छाबरा और एक अन्य जेआर ने उन्हें पीटा। ओटी टेक्नीशियन प्रदीप ने जब बचाने पहुंचे तो आरोपियों ने उनसे भी मारपीट की। नर्सिंग अधिकारी शुभम का आरोप है कि आए दिन आरोपी शराब पीकर गाली-गलौज करते हैं। पीड़ित का कहना है कि आरोपितों से जान का खतरा है।
रेजिडेंट डॉक्टर और नर्सिंग अधिकारी लामबंद
ट्रॉमा सेंटर में मारपीट के मामले में रेजिडेंट डॉक्टर और नर्सिंग अधिकारी लामबंद हो गए हैं। रविवार को नर्सिंग अधिकारियों ने आरोपितों पर कार्रवाई की मांग को लेकर ट्रामा सेंटर का घेराव किया था। केजीएमयू प्रशासन ओर से सोमवार चार बजे तक कार्रवाई होने के आश्वासन पर कार्य बहिष्कार समाप्त करने को तैयार हुए थे। तय समय पर कार्रवाई ना होने से नर्सिंग अधिकारी फिर से लामबंद होकर ट्रॉमा सेंटर पहुंच गए। साथियों पर कार्रवाई होते देख रेजिडेंट भी एकजुट होकर ट्रॉमा पहुंच गए।
सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही पुलिस
पैरामेडिकेल संकाय के डीन प्रो. केके सिंह ने स्थिति बिगड़ती देखकर एक बार फिर दोनों पक्षों को समझाया। टकराव की आशंका के मद्देनजर उन्होंने नर्सिंग अधिकारियों को ट्रॉमा सेंटर के भीतर और रेजिडेंट डॉक्टरों को ट्रॉमा के बाहर रोका। प्रो. केके सिंह ने कहा कि मामले में निष्पक्ष जांच की जाएगी और किसी भी पक्ष के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। इसके बावजूद जूनियर डॉक्टर कार्रवाई के खिलाफ रात दो बजे तक धरने पर बैठे रहे। हालांकि, नर्सिंग अधिकारी समझाने-बुझाने पर शाम को ही चले गए। वहीं एसीपी चौक राजकुमार सिंह का कहना है कि नौ जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई। मामले की जांच की जा रही है। ट्रामा सेंटर के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अन्य आरोपियों की पहचान कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
यह भी पढ़ें: प्यार का खौफनाक अंत : जिस सूटकेस पर सेल्फी ली थी, उसी में दफन कर बहा दी गई आकांक्षा