/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/10/high-court-pil-dismissal-2025-07-10-15-30-19.jpg)
स्कूलों के विलय पर दाखिल जनहित याचिका हाईकोर्ट से खारिज
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। प्रदेश में प्राथमिक स्कूलों के विलय के खिलाफ दाखिल एक और जनहित याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने यह फैसला गुरुवार को प्रारंभिक सुनवाई के बाद सुनाया। राज्य सरकार की ओर से दलील दी गई थी कि इसी मुद्दे पर पहले ही न्यायालय फैसला दे चुका है, इसलिए यह याचिका विचार योग्य नहीं है।
याची ने गरीब बच्चों पर प्रभाव का दिया हवाला
जनहित याचिका स्थानीय अधिवक्ता ज्योति राजपूत द्वारा दाखिल की गई थी, जिसमें राज्य सरकार के 16 जून को जारी उस आदेश को रद्द करने की मांग की गई थी, जिसके तहत दो या अधिक प्राथमिक विद्यालयों को एकीकृत करने का निर्णय लिया गया है। याचिका में कहा गया था कि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले गरीब बच्चों को इससे भारी असुविधा होगी। याची ने छात्रों के लिए परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने और इसके लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश तय करने की भी मांग की थी। साथ ही, आरटीई अधिनियम के तहत बच्चों के हितों की रक्षा की बात कही गई थी।
हाईकोर्ट ने दोहराव मानते हुए खारिज की याचिका
राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अनुज कुदेसिया और मुख्य स्थायी अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया कि 7 जुलाई को हाईकोर्ट की एकल पीठ ने सीतापुर के 51 छात्रों की ओर से दाखिल इसी तरह की याचिका को खारिज कर दिया है। चूंकि यह याचिका भी उन्हीं बिंदुओं पर आधारित है, इसलिए यह दोहराव की श्रेणी में आती है और सुनवाई के योग्य नहीं है। कोर्ट ने सरकार की प्रारंभिक आपत्तियों को स्वीकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति ए.आर. मसूदी और न्यायमूर्ति श्रीप्रकाश सिंह की खंडपीठ ने पारित किया।
यह भी पढ़ें- UP News : स्कूल विलय का मामला फिर पहुंचा हाईकोर्ट, लखनऊ पीठ में नई याचिका दायर
यह भी पढ़ें- UP News : विलय के बाद खाली स्कूलों में खुलेंगी बालवाटिकाएं, 8800 एजुकेटर होंगे नियुक्त