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बलरामपुर धर्मांतरण केस: छांगुर समेत छह पर एटीएस ने दाखिल किया आरोप पत्र

बलरामपुर में अवैध धर्मांतरण मामले में एटीएस ने जमालुद्दीन उर्फ़ छांगुर और पांच सहयोगियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। आरोपियों पर विदेशी फंडिंग से हिंदू-सिख समुदाय के लोगों का धर्मांतरण कराने, शरिया कानून लागू करने की साजिश रचने का आरोप है।

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Shishir Patel
ATS

जमालुद्दीन उर्फ छांगुर

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। बलरामपुर में अवैध धर्मांतरण मामले में बड़ा कदम उठाते हुए उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने मुख्य आरोपी जमालुद्दीन उर्फ़ छांगुर और उसके पांच सहयोगियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। आरोप पत्र में छांगुर के साथ नीतू उर्फ़ नसरीन, रशीद, सबरोज़, शहाबुद्दीन और सीजेएम कोर्ट के पेशकार राजेश उपाध्याय को अवैध धर्मांतरण, आपराधिक साजिश, विदेशी फंडिंग, एससी-एसटी एक्ट और अवैध संपत्ति लेन-देन जैसे गंभीर आरोपों में दोषी ठहराया गया है।

इस मामले में सभी आरोपी भेजे जा चुके है जेल 

एटीएस ने हाल ही में राजधानी लखनऊ स्थित एनआईए की विशेष अदालत में यह आरोप पत्र पेश किया, हालांकि अदालत ने अभी इस पर संज्ञान नहीं लिया है। इस मामले में सभी आरोपी पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं।जांच के दौरान एटीएस ने खुलासा किया कि छांगुर ने अपने करीबी नवीन और उसकी पत्नी नीतू के जरिए दुबई से भारी रकम मंगाई, जिससे बलरामपुर और आसपास के क्षेत्रों में करोड़ों की संपत्तियां खरीदी गईं। टीम ने यह भी पाया कि छांगुर बड़े पैमाने पर हिंदू और सिख समुदाय के लोगों को बहला-फुसलाकर धर्मांतरण कराता था।

शरिया कानून लागू करने की साजिश रच रहे थे

उसका इरादा एक विशाल इमारत खड़ी कर उसमें आतंकी प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने का था।जांच रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि छांगुर और उसके सहयोगी देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को खत्म कर शरिया कानून लागू करने की साजिश रच रहे थे। बताया गया कि धर्म बदलने के लिए प्रभावित लोगों को लाखों रुपये तक दिए जाते थे। आरोपियों ने बलरामपुर सहित विभिन्न इलाकों में लगभग 100 करोड़ रुपये की संपत्तियां अर्जित कीं। संपत्ति खरीद-फरोख्त में राजेश उपाध्याय की अहम भूमिका बताई गई है।

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