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धोखाधड़ी करने वाला बैंक मैनेजर गिरफ्तार।
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता । आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (EOW), उत्तर प्रदेश ने एक लंबे समय से फरार चल रहे बैंक अधिकारी को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है। आरोपी छेदालाल अनुरागी, जो वर्तमान में इंडियन बैंक, होलीपुरा (आगरा) में शाखा प्रबंधक के पद पर तैनात था, को सोमवार को EOW टीम ने आगरा से गिरफ्तार कर लिया।
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दो फर्जी खाते खोले गए
यह मामला वर्ष 2006 का है जब बांदा जिले की अतर्रा शाखा में इलाहाबाद बैंक के कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दो फर्जी खाते खोले गए। इसके बाद यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा में भी ऐसे ही फर्जी खातों की श्रृंखला खड़ी की गई। इन खातों के लिए चेकबुक जारी कराकर इलाहाबाद बैंक, अतर्रा शाखा में फर्जी खाताधारकों के नाम से अकाउंट पेयी चेक जमा किए गए।
इस पूरे घोटाले की जांच 2015 में आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन को सौंपा गया
चौंकाने वाली बात यह रही कि इन चेक्स की वैधता जांचने के लिए कोरियर के माध्यम से सलाह (एडवाइज) मंगाई गई, लेकिन कोरियर कर्मियों ने बिना सही पुष्टि के चेक को वैध बता दिया। जांच में सामने आया कि जिन खातों से चेक जारी किए गए थे, उनमें केवल एक-दो हजार रुपये ही जमा थे। इसके बावजूद इन चेक्स के माध्यम से करीब 27 लाख रुपये की अवैध निकासी की गई, जिससे इलाहाबाद बैंक को भारी वित्तीय नुकसान हुआ।इस मामले में इलाहाबाद बैंक शाखा, अतर्रा के तत्कालीन प्रबंधक के.पी. दिनकर की शिकायत पर थाना अतर्रा, जनपद बांदा में मुकदमा दर्ज हुआ था। पहले इस मामले की जांच जनपद पुलिस द्वारा की गई, जिसे बाद में शासनादेश के तहत वर्ष 2015 में आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन, लखनऊ को सौंपा गया।
कुल 11 लोग इस घोटाले में शामिल थे
EOW की विस्तृत जांच में यह सामने आया कि कुल 11 लोग इस घोटाले में शामिल थे, जिनमें से 6 बैंक कर्मचारी (लोकसेवक) और 5 निजी व्यक्ति थे। निजी आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। अब इस घोटाले में शामिल रहे तत्कालीन रिटेल बैंकिंग ऑफिसर छेदालाल अनुरागी की गिरफ्तारी के साथ एक और बड़ा कदम उठाया गया है।EOW के पुलिस महानिदेशक के नेतृत्व में चलाए जा रहे गिरफ्तारी अभियान के तहत यह कार्रवाई की गई है। शेष 5 लोकसेवक अभियुक्तों की गिरफ्तारी के प्रयास अभी भी जारी हैं।
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