Advertisment

BBAU के प्रो. नरेंद्र को अनुसंधान क्षेत्र में बड़ी जिम्मेदारी, ANRF की तकनीकी समिति के बने सदस्य

पृथ्वी और वायुमंडल विज्ञान में उच्च स्तरीय अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए गठित समिति में चयनित शोध परियोजनाओं को पांच करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जायेगी।

author-image
Deepak Yadav
bbau prof Naredra kumar

BBAU प्रो. नरेंद्र को अनुसंधान क्षेत्र में बड़ी जिम्मेदारी Photograph: (bbau)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय (BBAU) के पर्यावरण विज्ञान विभाग के प्रो. नरेंद्र कुमार को राष्ट्रीय स्तर पर अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्हें भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की स्वायत्तशासी संस्था अनुसंधान राष्ट्रीय शोध प्रतिष्ठान (Anusandhan National Research Foundation-ANRF) की तकनीकी कार्यक्रम समिति में सदस्य के रूप में नामित किया गया है।

लखनऊ से प्रो. नरेंद्र एकमात्र सदस्य

पृथ्वी और वायुमंडल विज्ञान में उच्च स्तरीय अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए गठित समिति में चयनित शोध परियोजनाओं को पांच करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जायेगी। इसमें देश के प्रतिष्ठित संस्थान आईआईटी, आईआईएससी, एनआईटी और केंद्रीय विश्वविद्यालयों के वरिष्ठ वैज्ञानिक, प्रोफेसर एवं शोधकर्ता शामिल हैं। 28 सदस्यीय समिति में लखनऊ से प्रो. नरेंद्र कुमार एकमात्र सदस्य हैं। बीबीएयू के इतिहास में पहली बार कोई प्राध्यापक इस तरह की राष्ट्रीय शोध समिति का हिस्सा बना है। 

राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोध पत्र प्रकाशित

प्रो. नरेंद्र कुमार पर्यावरणीय परिवर्तन, जलवायु विज्ञान और सतत विकास विषयों पर लंबे समय से शोध कर रहे हैं। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई शोध पत्र प्रकाशित किए हैं। भारत सरकार की कई परियोजनाओं का नेतृत्व भी किया है। इस समिति की सह-अध्यक्षता आईआईटी खड़गपुर के प्रो. एके गुप्ता और आईआईटी गांधीनगर के प्रो. विमल मिश्रा कर रहे हैं। समिति का कार्यकाल तीन वर्ष का है। इसमें देश के चुनिंदा शोध प्रस्तावों की तकनीकी गुणवत्ता, नवाचार क्षमता और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा।

पृथ्वी व वायुमंडल विज्ञान को नई दिशा देने का संकल्प

इस उपलब्धि पर प्रो. नरेंद्र कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर की शोध समिति में कार्य करने का मौका मिलना मेरे लिए अत्यंत सम्मान की बात है। यह मेरे व्यक्तिगत शोध कार्यों की मान्यता और बीबीएयू की अकादमिक साख को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का माध्यम है। गुणवत्तापूर्ण शोध कार्यों को बढ़ावा, नवाचार आधारित परियोजनाओं का मूल्यांकन और देश में पृथ्वी एवं वायुमंड विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान को एक नई दिशा देना मेरा उद्देश्य रहेगा। विश्वविद्यालय के कुलपति शिक्षकों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों ने प्रो. नरेंद्र कुमार को उनकी इस उपलब्धि पर बधाई व शुभकामनाएं दी हैं।

यह भी पढ़ें- AKTU : बीटेक में प्रवेश के लिए दूसरे चरण की सीटें आवंटित

Advertisment

यह भी पढ़ें- लखनऊ विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह 10 सितम्बर को, पांच प्रमुख पदकों के लिए मांगे गए आवेदन

यह भी पढ़ें- निजीकरण और बिजली दरों में वृद्धि में फंसा पेंच, नियामक आयोग ने आपत्तियों पर कंपनियों से मांगा जवाब

यह भी पढ़ें- छह महीने के लिए रहेगी बंद केसरीखेड़ा रेलवे क्रॉसिंग, आरओबी निर्माण में तेजी लाने को उठाया गया कदम

BBAU
Advertisment
Advertisment