/young-bharat-news/media/media_files/2025/09/09/x-ray-technician-fraud-2025-09-09-07-55-33.jpg)
एक्स-रे टेक्नीशियन अर्पित सिंह।
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के एक्स-रे टेक्नीशियन भर्ती में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। अर्पित सिंह नामक व्यक्ति एक ही पहचान और दस्तावेज़ों के सहारे 6 जिलों में सरकारी नौकरी करता मिला। मामले का खुलासा होने पर पैरामेडिकल निदेशक डॉ. रंजना खरे ने लखनऊ के वजीरगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई।
अभी तक करीब 4.5 करोड़ रुपये निकाल चुका है वेतन
सूत्रों के मुताबिक, बलरामपुर, फर्रुखाबाद, बांदा, रामपुर, अमरोहा और शामली में एक ही नाम व पिता के नाम वाले अर्पित सिंह नौकरी करते पाए गए। सभी रिकॉर्ड में जन्मतिथि और पिता का नाम (अनिल कुमार सिंह) समान दर्ज है।जांच से पता चला कि वर्ष 2016 में अखिलेश सरकार के दौरान 403 एक्स-रे टेक्नीशियन की भर्ती में फर्जीवाड़ा हुआ। अर्पित सिंह इसी भर्ती में चयनित हुआ और तब से अब तक करीब 4.5 करोड़ रुपये वेतन निकाल चुका है।
अर्पित सिंह हर महीने 69,595 रुपये वेतन ले रहा था
स्वास्थ्य महानिदेशालय ने संदेह जताया है कि इस भर्ती सूची का उपयोग कर कई और फर्जी नियुक्तियां की गईं। जांच में पाया गया कि केवल एक जिले से ही अर्पित सिंह हर महीने 69,595 रुपये वेतन ले रहा था। नौ सालों में यह राशि 75 लाख से अधिक हो गई, जबकि सभी छह जिलों को मिलाकर भुगतान 4.5 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच शुरू
अब स्वास्थ्य महानिदेशालय स्तर पर उच्चस्तरीय जांच शुरू हो गई है। इसमें तत्कालीन महानिदेशक, निदेशक पैरामेडिकल, संयुक्त निदेशक, अनुभाग अधिकारी और संबंधित लिपिकों तक से पूछताछ की जाएगी। फिलहाल सभी सीएमओ से तैनाती और वेतन जारी करने के दस्तावेज तलब कर लिए गए हैं।
यह भी पढ़ें- नौकरशाही के शिकंजे में बिजली विभाग, 25 साल में 1 लाख करोड़ का घाटा
यह भी पढ़ें : अखिलेश क्यों बोले एक आइएएस ने कराया था वह कांड, मैं उसे भूल नहीं सकता